हवाई यात्री परेशान हैं। एयरपोर्ट पर गो फर्स्ट (Go First) के काउंटर पर सन्नाटा है। वजह वाडिया ग्रुप की इस एयरलाइन कंपनी ने अगले कुछ दिनों के लिए अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है। लेकिन इस कंपनी के जो हालात हैं उसे देखकर नहीं लगता कि यह केवल कुछ दिनों का संकट है। असल में गो फर्स्ट दिवालिया होने के कगार पर है। उसने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लिकेशन दी है।
एयरलाइन कंपनी के पास न तो ईंधन है और न पैसा। इस देखते हुए गो फर्स्ट ने 3 , 4 और 5 मई के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का फैसला लिया है। कंपनी ने मंगलवार (2 मई 2023) को ट्वीट कर कहा, “परिचालन संबंधी कारणों से 3, 4 और 5 मई 2023 के लिए Go First की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। हम इसके लिए अपने ग्राहकों से माफी माँगते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृप्या https://bit.ly/42ab9la पर जाएँ। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जल्द ही अधिक जानकारी के साथ वापस आएँगे।”
Due to operational reasons, GoFirst flights for 3rd, 4th and 5th May 2023 have been cancelled. We sincerely apologise to our loyal customers. Please visit https://t.co/qRNQ4oQROr for more information. We assure that we’ll be back with more information soon. #GoFirst pic.twitter.com/QAJlL017QS
— GO FIRST (@GoFirstairways) May 2, 2023
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Airlines) दिवालिया होने की कगार पर पहुँच गई है। एयरलाइन का कैश फ्लो गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। उनके पास ना तो तेल है और ना ही तेल कंपनियों के बकाया चुकाने का पैसा। कंपनी का कहना है कि उसके पास इंजन की कमी हो गई है, जिसकी वजह से वो कम उड़ानें भर पाएगी। इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है।
गो फर्स्ट एयरलाइन ने कहा कि अमेरिका की पीएंडडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरो इंजन (Pratt & Whitney’s International Aero Engines) की आपूर्तियों में लगातार दिक्कतें आती रही। पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज इंजन और 10 अतिरिक्त इंजन देने को कहा गया था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसका इसका असर कमाई पर पड़ा है। विफल इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण उन्हें उड़ानें बंद करनी पड़ी है।
कंपनी ने आगे कहा पीएंडडब्लू विमान इंजनों की मरम्मत और पार्ट्स मुहैया कराने में नाकाम रहा, जिसकी वजह ने उनके 50 फीसदी विमान खड़े हो गए हैं। प्रैट एंड व्हिटनी के दोषपूर्ण इंजनों के कारण ग्राउंडेड विमानों का प्रतिशत दिसंबर 2019 में 7 प्रतिशत, दिसंबर 2020 में 31 प्रतिशत और दिसंबर 2022 में बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। गो फर्स्ट ने कहा कि उसने सरकार को अपनी स्थिति के बारे में बता दिया है और नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एक रिपोर्ट भेजेगा। अभी एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान हैं, जिनमें से 54 A320neo और पाँच A320ceo हैं।
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह इस एयरलाइन को बचाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि गो फर्स्ट इंजन आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही है। इस मामले में सरकार हरसंभव तरीके से एयरलाइन की मदद करती रही है। गो फर्स्ट के अनुसार, अगर पीएंडडब्ल्यू इंजन सप्लाई को पूरा करती है, तो एयरलाइन एक बार फिर से अगस्त-सितंबर 2023 को अपने पूरे परिचालन से साथ लौट जाएगी।
SpiceJet has mobilized its plan to revive 25 grounded aircraft. Funds for the revival will be drawn from the government’s Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) and better cash accruals. The airline has already mobilised around Rs 400 crores towards getting its grounded… pic.twitter.com/pwYTTVTb9a
— ANI (@ANI) May 3, 2023
इस संकट के बीच एक अन्य एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) ने बड़ा फैसला लिया है। वह अपने 25 ग्राउंडेड विमानों को फिर से शुरू करने जा रही है। विमानों के इस निष्क्रिय बेड़े को फिर से शुरू करने के लिए कंपनी ने करीब 400 करोड़ रुपए सिक्योर कर रखे हैं। रिवाइवल के लिए सरकार के आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना से लाभ लेने की भी योजना है। स्पाइसजेट को इससे अपना राजस्व बढ़ने की उम्मीद है।