नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सर्वाधिक ध्यान जिन चीजों पर दिया है, उनमें से एक पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन है। चाहे वह ‘भारतमाला प्रोजेक्ट’ के तहत देश के महत्वपूर्ण स्थानों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य हो या पोर्ट्स को जोड़ने का कार्य। सरकार ने ट्रांसपोर्टेशन के ऊपर काफी राजस्व व्यय किया है। इसमें एक महत्वपूर्ण क्षेत्र, देश की लाइफ़ लाइन ‘भारतीय रेल’ है। देश का जनमानस लम्बी दूरी की सुलभ व सस्ती यात्रा के लिए हमेशा से रेलवे को प्राथमिकता देता रहा है। इसे ध्यान में रख मोदी सरकार रेलवे का कायाकल्प करने की दिशा में बढ़ रही है।
सुरक्षा
सन् 2014 में जब मोदी सरकार ने देश की कमान सँभाली उसके बाद से ही रेलवे सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। चाहे वह एक्सिडेंट या ट्रेन के अंदर महिला सुरक्षा या स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का सवाल। सरकार पूरी तत्परता से इस पर ध्यान दे रही है। UPA कार्यकाल में भारतीय रेल में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति दुखद रही। ममता बनर्जी के बतौर रेल मंत्री रहते उनके कार्यकाल में लगभग 619 लोगों को रेल संबंधी दुर्घटनाओं में अपनी जान गॅंवानी पड़ी। UPA के समय मानवरहित क्रॉसिंग की वजह से 1,441 लोगों को अपनी गॅंवानी पड़ी।
इसके समाधान हेतु रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी मानवरहित क्रॉसिंग को 1 साल में खत्म करने का निर्णय साकार किया। रेलवे क्रॉसिंग को हटाना कोई साधारण कार्य नहीं था, मगर रेल मंत्री और रेलवे की टीम ने तत्परता और असाधारण इच्छाशक्ति के बल पर यह लक्ष्य साधने में सफलता प्राप्त की। 1 साल के भीतर सभी मानवरहित क्रॉसिंग ख़त्म किए गए। इन जगहों पर पुल बनाए गए या गेटमैन की तैनाती की गई ताकि वहाँ आने-जाने वाले यातायात को सुचारू रूप से व सुरक्षित तरीके से संचालित किया जा सके। मोदी सरकार ने LHB कोच, FOB’s के निर्माण, रेल पटरियों के रिन्यूवल के कार्यों पर ज़ोर दिया। इसके परिणामस्वरूप पहले की तुलना में लगभग 85% की कमी रेल एक्सिडेंट में देखने को मिली, जो इतिहास में पहली बार हुआ। वर्ष 2019(FY) रेलवे के इतिहास में ऐसा वर्ष रहा जिसमें अभी तक 1 भी मौत ट्रेन एक्सिडेंट के कारण नहीं हुई। यह रेलवे इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में स्थापित हुई।
रेलवे के कर्मचारियों ने असंभव को संभव बनाते हुए ब्रॉडगेज नेटवर्क पर मानवरहित लेवल क्रासिंग को पूरी तरह समाप्त किया है।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 17, 2020
इस वित्त वर्ष में आज के दिन तक, एक भी यात्री रेलवे दुर्घटना में हताहत नही हुआ, और इसका श्रेय रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों को जाता है। pic.twitter.com/OCRhcEGdNc
तकनीक
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में तकनीकी उन्नयन पर बहुत ज़ोर दिया है। चाहे वह आपके खाने की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए बारकोड सिस्टम हो, जिसमें जब आपका खाना ट्रेन में आपके पास आएगा और आप अपने मोबाइल से उसे स्कैन करेंगे तो वह आपको उस किचन तक ले जाएगा जहाँ आपका खाना तैयार हुआ है। आप CCTV की मदद से देख सकते हैं कि किचन कितना साफ़ है और कर्मचारी कैसे काम कर रहे हैं। इससे केवल यात्रियों को संतुष्टि ही नहीं अपितु कर्मचारियों की जवाबदेही व पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिला है। वहीं रेलवे ने ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम को रेलवे में लाने का प्लान भी बनाया है, जिससे रेलवे ट्रेन की मूवमेंट, लाइन क्लीयर करना, कौन सी ट्रेन को किस समय पास करना है, आदि सब सिग्नलिंग सिस्टम के द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जिससे ट्रेन की समयबद्धता में सुधार होगा।
सुविधा
मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे यात्रियों के लिए अनेक सुविधाओं का पिटारा खोला गया है। लगभग 5600 स्टेशनों पर वाई-फ़ाई सुविधा की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया है। आज के समय में इंटरनेट हर व्यक्ति के लिए वक मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। ख़ाली समय में लोग इंटरनेट के जरिए समय बिताने व ज़रूरतमंद लोग उसको अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल करते हैं। स्टेशन पर फ़्री हाई स्पीड वाई-फ़ाई से लोगों के इसके अनेक फ़ायदे मिल रहे है। हाल ही में केरल से जुड़ा एक प्रसंग चर्चा में रहा। वहॉं एक कुली ने स्टेशन के वाई-फ़ाई का इस्तेमाल करके अपनी पढ़ाई की और राज्य की सिविल परीक्षा पास की। वहीं कई लोग इसे मनोरंजन व सोशल नेटवर्किंग के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। सुंदर वेटिंग रूम, IRCTC के लाउंज, लिफ़्ट, एस्कलेटर, मात्र एक रुपए में सैनेटरी पैड, ब्रेस्ट फ़ीडिंग जैसी सुविधाओं को भी रेलवे ने ध्यान में रखा है जो दिखने में छोटी है लेकिन काम बहुत लोगों के आती है। महिलाओं सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिकोण में यह एक सराहनीय प्रयास है।
आधुनिक ट्रेनों के साथ नई रफ़्तार
रेलवे में अगर आपको सबसे बड़ा बदलाव देखना है तो रेलवे की नई ट्रेनों पर गौर करें। पिछले वर्ष रेलवे में ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत बनी नई ‘वन्दे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई। इसको हरी झंडी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई थी। इसके बाद दूसरी वन्दे भारत एक्सप्रेस दिल्ली से कटरा के बीच चलाई गई। आधुनिक ट्रेन की सूची में हमसफ़र एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, पंडित मदन मोहन मालवीय एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं, जिन्होंने यात्रियों को लुभाया है।
तेजस एक्सप्रेस जैसी आधुनिक व सुविधाजनक ट्रेन जो कि पटरी पर चलते किसी प्लेन से कम नहीं है। इसमें रेलवे ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत कार्य किया और पहली ट्रेन का परिचालन दिल्ली से लखनऊ व दूसरी ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के लिए शुरू की गई। हाल ही में केंद्र सरकर द्वारा पेश किए गए बजट में वन्दे भारत व तेजस जैसी ट्रेनों के लिए काफ़ी बजट आवंटित किया गया। आने वाले वर्षों में लगभग 44 रेक आने कि उम्मीद जताई जा रही है जो रेलवे को रफ़्तार देने के लिए तैयार है। रेलवे सेवा व रेल मदद वह प्लेटफॉर्म है जो ट्विटर के माध्यम से लोगों की यात्रा संबंधी समस्याओं का समाधान करता है।
रेलवे सेवा
अगर आपको रेलवे से जुड़ी किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, अगर ट्रेन में चलते समय RPF की मदद की ज़रूरत है या मेडिकल मदद की ज़रूरत है या रेलवे के कार्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की मदद की ज़रूरत है, तो रेलवे ट्विटर के जरिए इसका समाधान करता है। बस एक ट्वीट करने से सीधे रेल मंत्रालय से निर्देश जारी होते हैं और लोगों की समस्याओं का समाधान होता है। आप @RailwaySeva को टैग करके कोई ट्वीट करें तो आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा। रेलवे ने हाल ही में रेल मदद ऐप भी लॉंच किया है, जिसमें FIR की तरह आपकी समस्या को दर्ज किया जाएगा व शिकायत पंजीकरण उपरांत SMS के माध्यम से शिकायतकर्ता को सूचना दी जाएगी। साथ ही समस्या के समाधान उपरांत शिकायतकर्ता को पुनः SMS द्वारा समस्या के समाधान की जानकारी दी जाएगी।
स्टेशन रीडेवलपमेन्ट
स्टेशन रीडेवलोपमेन्ट रेल मंत्रालय द्वारा स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए चलाया गया उपक्रम है। रेल मंत्री पीयूष गोयल समय-समय पर ट्वीट कर उसकी जानकारी जनता के साथ साझा करते हैं। वहीं रेल मंत्रालय भी अपने ट्विटर अकाउंट् से इसकी जानकारी मुहैया कराता है। रेल मंत्री के इंस्टाग्राम अकाउंट पर आप विभिन्न स्स्टेशनों के उन्नयन संबंधी तस्वीरों को देख सकते हैं। इसमें स्टेशन पर आधुनिक बिल्डिंग शौचालय, साफ़-सफ़ाई, कलाकृति, आधुनिक मटेरियल, वेटिंग रूम, VIP लाउंज लिफ़्ट, एस्कलेटर, वाइफ़ाई, LED लाइट जैसी अनेक सुविधाएँ प्रदान की जा रही है। कुछ स्टेशन जिनको आधुनिक किया गया है उनमें – महाराष्ट्र के शिरडी, लोनावला, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, झारखंड का गिरिडीह, उत्तरप्रदेश में मथुरा, वाराणसी, मंडुआडीह, गुजरात का छायापुरी शामिल है। बाकी यह फेहरिस्त काफ़ी लम्बी है।
2014 से पहले साधारणतया नई लाइनों, रॉलिंग स्टॉक, लोकोमोटिव, सिग्नलिंग आदि में जो निवेश होता था वह लगभग ₹40-50 हजार करोड़ रहता था। इस वर्ष के बजट में ₹1.61 लाख करोड़ का निवेश कैपेक्स में होने जा रहा है। pic.twitter.com/eIidmRPsHZ
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 17, 2020
रेलवे रिस्ट्रक्चरिंग
कैबिनेट द्वारा हाल ही में रेलवे रिस्ट्रक्चरिंग करने का फ़ैसला लिया गया जो कि एक बहुत बड़ा फैसला है। रेलवे बोर्ड में अब तक चेयरमैन के अलावा 8 सदस्य होते थे जो अलग-अलग सर्विसेज से आते थे। लेकिन अब सभी का विलय करके इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) बनाने की मंजूरी दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड के फंक्शनल लेवल पर पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। अब नए रेलवे बोर्ड में एक चेयरमैन और 4 सदस्य होंगे। भारतीय रेलवे की मौजूदा आठ समूह एवं सेवाओं को अब इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) नाम से एक केंद्रीय सेवा में पुनर्गठित किया जाएगा।
रेलवे को Departmentalism से बचाकर उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिये हमने रेलवे की 8 सर्विसेज़ को मिलाकर “इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस” बनाने का साहसिक निर्णय लिया है। pic.twitter.com/imZqON1JgH
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 14, 2020
रेलवे विद्युतीकरण
रेल मंत्री पीयूष गोयल जिस भी सभा में जाते है अगर रेलवे के ऊपर उनको कुछ बोलना है तो रेलवे विद्युतीकरण पर बोलने में वो कभी नहीं हिचकिचाते। उनका कहना है कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेल दुनिया का पहला ऐसा रेलवे होगा जो 100% विद्युतीकृत हो जाएगा। आँकड़ों पर गौर करें तो उनकी बातों में दम दिखता है।
UPA के ज़माने में विद्युतीकरण
वित्त वर्ष किलोमीटर 2007-08 502 2008-09 797 2009-10 421 2010-11 75 2011-12 595 2012-13 1337 2013-14 610
मोदी सरकार के कार्यकाल में विद्युतीकरण
वित्त वर्ष किलोमीटर
2014-15 1176
2015-16 1502
2016-17 1646
2017-18 4087
2018-19 5276
जाहिर है कि कॉन्ग्रेस सरकार की तुलना में विद्युतीकरण काफ़ी अधिक और तेज़ी से हुआ है। विद्युतीकरण होने से रेलवे की रफ़्तार में इज़ाफ़ा तो होगा ही साथ ही पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। इससे भारत पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका और स्थान को मजबूत कर पाएगा।