जहाँ एक तरफ पूरे देश में आक्रांता मुगलों की करतूतों को लेकर आक्रोश का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार की ही वेबसाइट पर मुगलों का महिमामंडन किया गया है। भारत सरकार का एक पोर्टल है – ‘Know India‘, जिस पर देश के इतिहास-भूगोल से लेकर भारतीय संविधान व इससे जुड़ी अन्य जानकारियाँ दी जाती हैं। ‘Know India’ पर भारत के विभिन्न पदों, सम्मान व संस्कृति व अन्य सामान्य ज्ञान से सम्बंधित सूचनाएँ रहती हैं।
इस पोर्टल पर मुगलों शासन को ‘सबसे महान साम्राज्यों में से एक’ बताया गया है। साथ ही मुग़ल शासन की ‘संस्कृति व राजनीति’ को समृद्ध बताते हुए भारत को एक करने का श्रेय भी उसे दे दिया गया है। लुटेरे तैमूर को भी इसमें महान कहा गया है और लिखा है कि मुगलों ने टुकड़ों में बँटे कई हिन्दू-मुस्लिम राज्यों को एक किया। मुगलों के साथ-साथ शेरशाह सूरी को भी योग्य प्रशासक बताते हुए जमीन के माप व राजस्व इकट्ठा करने के तरीकों के लिए उसकी तारीफ़ की गई है।
लिखा है कि उसके राज में आम आदमी को न्याय मिला। सड़कें व कुऍं बनवाने के साथ-साथ उसे ‘ग्रैंड ट्रंक रोड’ बनवाने का क्रेडिट भी दिया गया है। अकबर को मुग़ल साम्राज्य को मजबूत करने का क्रेडिट देते हुए लिखा है कि कई लड़ाइयों के बाद उसने भारत के अधिकतर हिस्सों को जीता और राजपूतों के प्रति मेल-मिलाप की रणनीति अपनाई। अकबर को ‘महान विजेता, योग्य व्यवस्थापक और कुशल प्रशासक’ बताया गया है।
साथ ही नॉन-मुस्लिमों के प्रति अकबर की नीतियों को लिबरल बताते हुए उसकी तारीफ़ में लिखा है कि उसने धर्म को लेकर कई एक्सपेरिमेंट्स किए। वहीं जहाँगीर को एक ‘अत्यधिक जोशीला प्रेमी’ बताते हुए लिखा है कि किस तरह बीवी नूरजहाँ के हाथ में उसने प्रशासनिक कार्य सौंप रखे थे। उसे ‘ईमानदार और सहिष्णु’ बताया गया है। हिन्दुओं, यहूदियों व ईसाईयों के प्रति उसकी ‘सहिष्णुता’ की चर्चा करते हुए लिखा है कि उसने कला, साहित्य और वास्तुकला को बढ़ावा दिया।
इतना ही नहीं, बड़े आराम से लिख दिया गया है कि जहाँगीर के विद्रोही बेटे खुसरो को शरण देने के कारण उसके आदेश पर सिखों के 5वें गुरु अर्जुन देव को ‘प्राणदंड’ दिया गया। साथ ही शाहजहाँ के बारे में लिखा है कि उसके समय मुग़ल काफी उच्च स्तर पर था, जो 100 सालों के असाधारण ‘शांति और समृद्धि’ का परिणाम था। उसे ‘आर्किटेक्चर किंग’ बताते हुए ‘Know India’ ने लिखा है कि लाल किला व जामा मस्जिद इसके उदाहरण हैं।
साथ ही औरंगजेब के भी करतूतों की चर्चा नहीं की गई है और लिखा है कि उसने पाँचों बेटों को राजदरबार से दूर रखा, जिससे वो कुशल प्रशासक नहीं बन पाए। इसे मुगलों के पतन का कारण बताया गया है। साथ ही लिखा है कि मुग़ल साम्राज्य उसके काल में अपने उच्चतम स्तर पर पहुँचा और उसमें सम्पूर्ण उप-महाद्वीप का शासन बनने की महत्वाकांक्षा थी। बताया गया है कि मृत्यु के बाद उसने कोई व्यक्तिगत संपत्ति नहीं छोड़ी। लोगों ने मुगलों के महिमामंडन का विरोध किया है।