T20 विश्व कप में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से क्या कराया, भारत के कई हिस्सों में इस्लामी कट्टरपंथियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। देर रात पटाखे फोड़े गए। राष्ट्रीय राजधानी में भी आतिशबाजी हुई। पूर्व सलामी बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने इसकी आलोचना की। लेकिन, लिबरल गिरोह विशेष मोहम्मद शमी को ढाल बना कर ले आया और कहने लगा कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें ‘गद्दार’ कहा जा रहा है।
मोहम्मद शमी को किसने निशाना बनाया? कितने लोगों ने उनकी आलोचना की? ये कोई नहीं बता रहा। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा आलोचना कप्तान विराट कोहली की हुई है, मैच हारने के बाद से। रोहित शर्मा भी निशाने पर रहे हैं। तो इसका मतलब क्या है कि विराट और रोहित को हिन्दू होने की वजह से निशाना बनाया गया? लिबरल गिरोह के लॉजिक में दम नहीं है। पटाखों का शोर दबाने के लिए मोहम्मद शमी का नाम लाया गया है।
अभी तो भला मोहम्मद शमी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं और उन्हें प्लेयिंग इलेवन में भी जगह मिली। वहीं एक अन्य तेज़ गेंदबाज शार्दुल ठाकुर बाहर बैठे हुए हैं। लेकिन, एक समय ऐसा भी था जब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोईन खान ने 2015 विश्व कप के समय आरोप लगाया था कि मजहब की वजह से मोहम्मद शमी को श्रीलंका के विरुद्ध प्लेयिंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। उस मैच में यजुवेंद्र चाहल को भी आराम दिया गया था।
आज मोहम्मद शमी का नाम लेकर ‘मुस्लिम कार्ड’ खेला जा रहा है, ताकि देश के कई हिस्सों में भारतीय टीम की हार के जश्न में पटाखों से जो आतिशबाजी हुई है, उसकी चर्चा न हो। लेकिन, इन्हीं इस्लामी कट्टरपंथियों ने कभी मोहम्मद शमी का मुस्लिम होने का सर्टिफिकेट रद्द कर दिया था। उनकी बेटी आयरा की सरस्वती पूजा करते हुए तस्वीर देख कर इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन पर निशाना साधा था और मूर्तिपूजा से दूर रहने को कहा था।
The online attack on Mohammad Shami is shocking and we stand by him. He is a champion and Anyone who wears the India cap has India in their hearts far more than any online mob. With you Shami. Agle match mein dikado jalwa.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 25, 2021
इस्लामिक कट्टरपंथियों ने इस तस्वीर को देख शिकायत किया था कि भारत के मुस्लिम उनके जैसे मुस्लिमों के कारण धीरे-धीरे हिंदू बन रहे हैं। शमी से पूछा गया था कि जब वे मुस्लिम हैं, तो आखिर उनकी बेटी हिंदू कैसे हो गई। इसके अलावा उनसे उनके नाम के आगे से मोहम्मद हटाने की सलाह भी दी गई थी। 2018 में शमी को नए साल की शुभकामनाएँ देने के लिए शिवा लिंगम की तस्वीर लगाने पर घेरा था। साथ ही उन्हें उनकी पत्नी के साथ फोटो खिंचवाने और सोशल मीडिया पर डालने के लिए भी ट्रोल किया जा चुका है।
गाली तो वीरेंद्र सहवाग को दी जा रही है, क्योंकि उन्होंने भारत की हार का जश्न मनाने वालों और पटाखे फोड़ने वालों से एक सवाल पूछ दिया कि दीवाली पर पटाखों के प्रतिबंध का ढोंग क्यों रचा जाता है? इतनी सी बात पर उन्हें ‘नाजी गंदगी, भाजपा का मॉडल, घृणा फैलाने वाला कीड़ा’ और न जाने क्या-क्या कहा गया। प्रशंसकों के निशाने पर तो पूरी भारतीय टीम है, केवल मोहम्मद शमी नहीं। विराट कोहली की तो लगातार आलोचना हो रही है।