अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) हर साल कई टूर्नामेंट का आयोजन करती है। लेकिन वनडे क्रिकेट का वर्ल्ड कप सबसे बड़ा टूर्नामेंट होता है। चूँकि यह आयोजन 4 साल बाद होता है, इसलिए दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमी बेसब्री से इसका इंतजार करते हैं। 1975 में शुरू वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप से लेकर अब तक कई टीमें विश्व विजेता बन चुकी हैं।
इसमें से कई टीमें ऐसी रहीं जिनका लंबे समय तक दबदबा रहा और आज भी जलवा कायम है। लेकिन कुछ टीमें ऐसी हैं जिन्होंने वर्ल्ड कप तो जीता। लेकिन इस बार वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पाईं। आज हम आपके लिए पहले वनडे वर्ल्ड कप से लेकर साल 2019 में हुए वर्ल्ड कप जीतने वाली टीमों की सूची लेकर आए हैं।
1975: वेस्टइंडीज बना पहली बार विजेता
क्रिकेट इतिहास में वनडे वर्ल्ड कप का पहला आयोजन साल 1975 में हुआ था। इंग्लैंड में हुए इस टूर्नामेंट में 8 टीमों ने हिस्सा लिया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज फाइनल पहुँचने वाली टीमें थी। क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में हुआ फाइनल बेहद ही रोमांचक था। हालाँकि वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराते हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप का पहला विश्व विजेता बनने का खिताब अपने नाम किया था।
1979: वेस्टइंडीज के सिर फिर बंधा ताज
साल 1979 में हुए दूसरे वर्ल्ड कप में टेस्ट क्रिकेट न खेलने वाली टीमों को भी हिस्सा लेने की अनुमति दी गई थी। ऐसे में कनाडा और श्रीलंका जैसी छोटी टीमें (तत्कालीन) भी क्वालीफाई करने में कामयाब हो गईं। पहला वर्ल्ड कप में जीत दर्ज करने के बाद दूसरे में भी वेस्टइंडीज जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और हुआ भी यही। फाइनल में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 92 रनों के बड़े अंतर से मात देते हुए लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता था।
1983: दुनिया ने जाना हम किसी से कम नहीं
क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब थी। जहाँ पहले वर्ल्ड कप में भारत को महज एक मैच में जीत मिली थी। वहीं 1979 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम अपने तीनों मैच हारकर बाहर हो गई थी। इंग्लैंड की धरती पर लगातार तीसरे बार हुए वर्ल्ड कप से पहले भारत को बेहद कमजोर टीम माना जा रहा था। हालत यह थी कि अभ्यास मैच में इंग्लैंड की काउंटी टीम ने भारत को हरा दिया था।
लेकिन टूर्नामेंट शुरू होते ही भारतीय खिलाड़ी रंग में आ गए। एक के बाद एक जीत दर्ज करने के बाद जब भारत ने टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज को लीग मैच हराया तो पूरी दुनिया चौंक गई थी। टूर्नामेंट की शुरुआत में जिस टीम की खिल्ली उड़ाई जा रही थी। कपिल देव की अगुवाई वाली वही टीम फाइनल में पहुँच गई। यही नहीं वेस्टइंडीज से हुए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम 43 रनों से जीत दर्ज करते हुए विश्व विजेता बन गई थी।
1987: पहली बार इंग्लैंड से बाहर हुआ वर्ल्ड कप
साल 1987 के वर्ल्ड कप में कई बड़े बदलाव देखने को मिले। अव्वल तो यह कि पहली बार यह टूर्नामेंट में इंग्लैंड से बाहर हो रहा था। वहीं दूसरी बात यह था कि इस बार मैच 60 ओवर की जगह 50 ओवर के हुए। साथ ही खास बात यह भी थी कि भारत, पाकिस्तान के साथ इसका सह आयोजक था।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही जीत का जज्बा दिखाना शुरू कर दिया था। एक के बाद एक दिग्गज टीमों को मात देते हुए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने फाइनल में जगह बनाई थी। इसके बाद फाइनल में हुए बेहद रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड को 7 रनों से मात देते हुए ऑस्ट्रेलिया पहली बार विश्व विजेता बना था।
1992: पहली बार रंगीन कपड़ों में नजर आए खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित इस वर्ल्ड कप में भी महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले। सबसे बड़ा बदलाव कपड़ों को लेकर 1992 से पहले प्लेयर्स सफेद कपड़ों में खेलते थे। लेकिन इस बार रंगीन कपड़ों में नजर आए। वहीं गेंद का रंग बदलकर लाल से सफेद कर दिया गया। यही नहीं अब तक मैच सिर्फ दिन में होते थे। लेकिन इस बार डे-नाइट मैचों का आयोजन हुआ। फाइनल मैच में पाकिस्तान ने इंग्लैंड को 22 रनों से हराते हुए जीत दर्ज की थी।
1996: भारत फिर बना मेजबान
साल 1996 में एक बार फिर टूर्नामेंट भारत की मेजबानी में हुआ। इस बार भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ सह-आयोजक था। फाइनल में मेजबान श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से धूल चटाते हुए वर्ल्ड कप जीता था।
1999: 5 देश बने मेजबान
साल 1999 के वर्ल्ड कप का आयोजन इंग्लैंड, नीदरलैंड्स, स्कॉटलैंड, वेल्स और आयरलैंड में हुआ, (बाद में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड एक हो गए)। फाइनल मुकाबला एक बार फिर लॉर्ड्स में हुआ, जहाँ पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने थे। दिवंगत लीजेंड स्पिनर शेन वॉर्न की फिरकी के आगे पाकिस्तान 150 के आँकड़े तक भी नहीं पहुँच पाई। ऑस्ट्रेलिया ने महज 20 ओवरों में ही यह मुकाबला 8 विकेट से जीत लिया।
2003: भारत फिर पहुँचा फाइनल में
सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया नए जोश के साथ 2003 के वर्ल्ड कप में उतरी थी। यूँ तो क्रिकेट पंडित टीम इंडिया को वर्ल्ड कप का दावेदार नहीं मान रहे थे। लेकिन सचिन, सहवाग, कैफ, गांगुली और द्रविड़ की बल्लेबाजी तथा जहीर खान, नेहरा, श्रीनाथ और भज्जी की बॉलिंग के चलते भारतीय टीम फाइनल में पहुँचने में कामयाब रही। हालाँकि फाइनल में बैटिंग और बॉलिंग दोनों फेल हो गए। इसके चलते टीम इंडिया को 125 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
2007: ऑस्ट्रेलिया लगातार तीसरी बार बना विजेता
टीम से भारतीय फैंस को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन ग्रुप स्टेज में ही बांग्लादेश के हाथों करारी हार झेलने के बाद टीम इंडिया बाहर हो गई थी। वहीं ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका फाइनल में पहुँच गए थे। जयवर्धने की अगुवाई वाली श्रीलंका को मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन बारिश से बाधित मैच में उसे 53 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। इस तरह ऑस्ट्रेलिया लगातार तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम बनी गई।
2011: वानखेड़े में गूँजा ‘इंडिया… इंडिया’
2007 के वनडे वर्ल्ड कप में मिली हार और टी20 वर्ल्ड कप में मिली जीत के बाद धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया से जीत की उम्मीद की जा रही थी। सचिन, सहवाग, गंभीर, कोहली, युवराज जैसे सितारों से सजी टीम को ग्रुप स्टेज में दक्षिण अफ्रीका के हाथों का सामना करना पड़ा था। भारत ने आखिरी के 9 विकेट महज 29 रनों में ही गँवा दिए थे। इस मैच में हार के बाद भारतीय फैंस निराश हो गए थे।
लेकिन भारतीय टीम का जज्बा बरकरार था। अफ्रीका के हाथों मिली हार टूर्नामेंट की पहली और आखिरी हार साबित हुई। लगातार जीत के बाद भारतीय टीम फाइनल पहुँची, जहाँ उसका मुकाबला श्रीलंका से हुआ। सचिन, सहवाग के सस्ते में आउट होने के बाद गंभीर, कोहली, धोनी और युवराज की पारियों ने भारतीय टीम को जीत दिलाई। आखिरी गेंद में धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट आज भी क्रिकेट प्रेमियों की आँखों में ताजा होगा। भारत ने 6 विकेट से मैच जीत दर्ज दूसरी बार विश्व विजेता का खिताब अपने नाम किया था।
2015: ऑस्ट्रेलिया ने फिर जमाई धाक
साल 2015 के वर्ल्ड कप के ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड मेजबान थे। ऑस्ट्रेलिया 4 बार फाइनल जीत चुकी थी। इस बार भी जीत की उम्मीद जताई जा रही थी और हुआ भी यही। फाइनल में न्यूजीलैंड के साथ हुए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया पाँचवी बार वर्ल्ड कप विजेता बना था।
2019: यादगार टूर्नामेंट, विवादित फाइनल
साल 2019 का फाइनल न केवल भारतीय फैंस बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहा। यादगार इसलिए भी क्योंकि यह एमएस धोनी का आखिरी विश्व कप था। न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए सेमीफाइनल में धोनी के रन आउट होते ही भारतीय क्रिकेट फैंस की आँखें भीग गईं थीं। ग्राउंड पर मौजूद कैमरामैन के आँखों में आँसू वाली फोटो भी जमकर वायरल हुई थी।
खैर, बात वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम की करें तो यह इंग्लैंड थी। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दोनों ही टीमों ने 241 रन बनाए थे। मैच टाई हो गया था। सुपर ओवर का नियम था नहीं। ऐसे में बाउंड्री से फाइनल के विजेता का फैसला हुआ। इंग्लैंड के प्लेयर्स ने अधिक बाउंड्री लगाई थीं। इसलिए उसे विजेता घोषित किया गया। क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि रन चेज करने वाली टीम ऑल आउट होने के बाद भी मैच जीत गई।
साल 2023 का वर्ल्ड कप एक बार फिर भारतीय सरजमीं पर खेला जाना है। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया से भारत को खिताब जिताने की उम्मीदें हैं। फैंस के लिए निराशा की बात है कि पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बनी वेस्टइंडीज इस बार क्वालीफाई भी नहीं कर पाई है।