सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा और नौकरी में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब माँगा है। हालॉंकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरक्षण कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन, यह साफ कर दिया है कि इस आरक्षण को 2014 से लागू करने के पहलू को लागू नहीं किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
महाराष्ट्र सरकार ने बीते नवंबर में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) आरक्षण कानून पास किया था। 27 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस कानून की संवैधानिक मान्यता पर मुहर लगा दी थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने याचिका दायर कर रखी है।
Supreme Court also issues a notice to the Maharashtra Government on the appeal filed in the Maratha Reservation case. https://t.co/kM8ETaA2rV
— ANI (@ANI) July 12, 2019
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने राजनीतिक दबाव में यह फैसला किया है। साथ ही इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन भी होता है। एसईबीसी आरक्षण कानून मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 और नौकरी में 13 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है। इस कानून के पास होने के बाद महाराष्ट्र में आरक्षण की सीमा बढ़कर 68 फीसदी हो गई है।
याचिकाकर्ताओं ने मोहम्मद सईद नूरी शफी अहमद की अगुवाई में कहा कि एसईबीसी आरक्षण कानून संविधान के समानता के अधिकार के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए वकील विपिन नायर और माधवी अय्यप्पन ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला अधूरे तथ्यों पर आधारित है।
Maratha Reservation: Supreme Court issues notice in appeal challenging Bombay High Court verdict, no stay on judgment.
— Bar & Bench (@barandbench) July 12, 2019
However, retrospective application of reservation from 2014, stayed.
27 जून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) के रूप में वर्गीकृत करके राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को दिया गया आरक्षण वैध है। हालॉंकि हाई कोर्ट ने राज्य विधानसभा द्वारा निर्धारित आरक्षण को 16% से घटाकर शिक्षा में 12 और नौकरी में 13% कर दी थी।