इस पॉडकास्ट में उन्होंने बताया, “मैंने पिछले 16 साल से गंदा व्यवहार सहा है। मुझे शायद इसे भूलने में सालों लग जाएँगे। मैं हर दिन खुद को ये कहकर सांत्वना देती हूँ कि अब वे दिन समय बीत गया है। लेकिन जब आज भी कुछ लोग कहते हैं कि सारी गलती मेरी थी तो मैं आज भी उस लड़ाई को लड़ती हूँ।”
बोराह ने बताया, “16 साल की उम्र में ही मैं बेंगलुरु पढ़ने गई थी। वहाँ मैं एक मुस्लिम लड़के के साथ रिश्ते में आई। बाद में उसने मुझे गाली देनी शुरू कर दी। मुझे लगा शायद माता-पिता की तरह ही वो मुझे मेरे भले के लिए गाली देता है। कई बार मैं उसका रवैया देख उसे तालिबानी भी कहती थी… वो मुझे बेरहमी से पीटता था। मुझे वह दिन याद है जब उसने मुझे जबरन बीफ खिलाया… उसके अम्मी-अब्बा ने मुझे वो बीफ खाने के लिए बहुत मजबूर किया था। उन्होंने मेरा नाम भी रिनिमा बोराह से बदलकर आयशा हुसैन रख दिया था और मुझे नमाज पढ़ने को मजबूर करते थे।”
इंटरव्यू के दौरान रिनिमा ने यह माना था कि उनकी स्थिति लगभग लव जिहाद वाली थी। उनका बॉयफ्रेंड उन्हें ये भी धमकी देता था कि अगर उन्होंने उसे छोड़ा तो वह उनपर एडिड फेंक देगा। आदि।
रिनिमा बोराह पलटीं लव जिहाद की बात से
इस इंटरव्यू के बाद सोशल मीडिया पर लव जिहाद को लेकर चर्चा तेज हो गई। लोग उनकी वीडियो शेयर करके लड़कियों को सचेत करने लगे। लेकिन, जैसे ही ये सब शुरू हुआ तभी रिनिमा बोराह ने अपने बयानों से उलट जाकर बयानबाजी कर दी और लव जिहाद की घटनाओं को नकार दिया।
उन्होंने जबरन नमाज पढ़ाने की बात, बीफ खिलाने की बात, नाम बदलने की बात सब पॉडकॉस्ट में स्वीकारी थी मगर बाद में एक पोस्ट किया कि वो लव जिहाद जैसी चीजों में मानती ही नहीं। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “इस रील को देखने के लिए आप सभी का धन्यवाद, लेकिन मैं एक बात बहुत स्पष्ट कर देना चाहती हूँ। मैं ‘लव जिहाद’ की अवधारणा पर विश्वास नहीं करती या उसका समर्थन नहीं करती- ये एक विचारधारा जो मुझे लगता है कि प्रेम, सम्मान और समझ के आधार पर अपने रिश्ते चुनने के हमारे मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।”
रिनिमा बोराह ने कहा, “पूरे पॉडकॉस्ट में मैंने एक व्यक्ति से जुड़ा व्यक्तिगत अनुभव साझा किया था न कि पूरे मजहब से। मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि यह बातचीत वास्तविक मुद्दे, घरेलू हिंसा पर केंद्रित रहे, न कि मजहबी मतभेदों पर।”
उन्होंने अपने दर्शकों से कहा, “मैं सभी को पूरी समझ के लिए पूरा पॉडकास्ट देखने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ और इसे मजहबी मामले में बदलने से बचने को कहती हूँ। आइए बातचीत को सम्मानजनक और सहानुभूति पर आधारित रखें।”
लव जिहाद की बढ़ रही घटनाएँ
गौरतलब है कि एक तरफ रिनिमा आपबीती सुनाने के बाद जहाँ समाज में लव जिहाद न होने के कॉन्सेप्ट की बात करती हैं वहीं बता दें कि ऑपइंडिया ने लव जिहाद के 153 मामले सिर्फ 2023 में रिपोर्ट किए थे और यही संख्या 2022 में भी रिपोर्ट की गई थी। आज रिनिमा भले ही वामपंथी प्रभाव में आकर अपने अनुभव और उसकी सच्चाई को सबके सामने रखने से डरती हैं लेकिन हकीकत तो यह है कि अनगिनत महिलाओं के ऊपर हुए अत्याचार वो नहीं नकार सकतीं, जिन्हें फँसाने का और प्रताड़ित करने का ढंग एक ही था।