किसी व्यक्ति को दो से ज्यादा बच्चे होने के कारण सरकारी नौकरी न देना कहीं से संविधान के खिलाफ नहीं है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले में आदेश देते हुए कहा है। कोर्ट ने कहा कि ये नियम पॉलिसी दायरे में आता है, इसमें उन्हें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।
इस आदेश के साथ कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका को खारिज किया। साथ ही राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा। हाईकोर्ट में इस मामले पर निर्णय 12 अक्टूबर 2022 को आया था।
बता दें कि इस मामले पर याचिका पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट ने डाली थी। वह 2017 में रिटायर हुए थे और उन्होंने 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी के लिए आवेदन किया था। हालाँकि दो बच्चे से ज्यादा होने के कारण उनका आवेदन खारिज हो गया।
Supreme Court upholds Rajasthan’s 2-child norm for govt jobs🔥
— Political Views (@PoliticalViewsO) February 29, 2024
People with more than two children will not be eligible for government jobs in Rajasthan⚡️
Supreme Court said, “This is non-discriminatory and does not violate the Constitution.” pic.twitter.com/WB7wUxeaQA
उनके आवेदन को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24(4) का हवाला देते हुए खारिज कर दिया गया था। ये नियम, 1 जून 2002 के बाद पैदा हुए दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को नौकरी देने से रोकता है।
नौकरी न मिलने पर रामजी लाल जाट ने इसी नियम के खिलाफ तर्क देते हुए पहले राजस्थान हाई कोर्ट में अपनी याचिका लगाई और फिर सुप्रीम कोर्ट में। हालाँकि दोनों ओर से उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करने का फैसला बरकरार रखते हुए बताया कि ऐसा नियम पंचायत चुनाव लड़ने की योग्यता के तौर पर भी पेश किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
अदालत ने तब माना था कि दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने का प्रावधान कोई भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर नहीं है। ये परिवार नियोजन को बढ़ावा देने वाला प्रावधान है।
कोर्ट ने कहा कि उन्हें इस मामले में ऐसा कुछ नहीं दिखता कि वो राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करें इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। दो बच्चे होने पर सरकारी नौकरी न देना संविधान के दायरे में है।