प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों से साफ़-साफ़ कहा कि वे समय पर दफ्तर पहुँचे और घर से काम करने वाली आदत से बचें। पीएम ने उन्हें नसीहत दी कि वे लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करें। मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, नई सरकार के मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों से कहा कि वे नए व जूनियर मंत्रियों को साथ लेकर चलें। राज्य मंत्रियों को बड़ी भूमिका देने की बात करते हुए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों को उनके साथ महत्वपूर्ण फाइलें साझा करनी चाहिए। इससे उत्पादकता बढ़ेगी। पीएम ने कहा कि बेहतर कोआर्डिनेशन से बेहतर परिणाम आएँगे।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नए ट्रिपल तलाक बिल को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने जम्मू और कश्मीर में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन के विस्तार को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इसी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से ऑफिस समय पर आने की सलाह दी। पीएम मोदी ने मंत्रियों को सांसदों से मिलने के लिए उनको अपना वक़्त देने के लिए भी कहा है। पीएम ने कहा है कि उनके राज्यों के सांसदों से वो नियमित तौर पर मिलते रहें और मिलने के लिए सांसदों को समय देते रहें। इससे उन्हें जनता की दिक्कतों का पता चलेगा और समस्याएँ सुलझाने में मदद मिलेगी।
“ऑफिस का काम ऑफिस से करें और समय पर आएं,” पीएम @narendramodi ने मंत्रियों को दी नसीहत https://t.co/niMexDNwKR
— TV9 भारतवर्ष (@TV9Bharatvarsh) June 12, 2019
12 जून को नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि मुस्लिम महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार संसद सत्र में तीन तलाक़ बिल पेश करेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पुराने अध्यादेश को ही बिल के रूप में तब्दील किए जाने का निर्णय लिया गया है।
जावड़ेकर ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से नियुक्ति के लिए सदन में बिल पेश करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने 13 प्वाइंट रोस्टर का जो फैसला दिया था, उससे अनुसूचित जाति और जनजाति के वर्ग के लोगों को नुकसान हो रहा था। इसी कारण से केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला किया है कि 200 प्वाइंट रोस्टर बहाल करने के लिए सरकार जो अध्यादेश लाई थी, उसे अब बिल के तौर पर सदन में पेश किया जाएगा।