भारत में वैक्सीनेशन अभियान की प्रक्रिया को और तेज करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने शुक्रवार (जून 4, 2021) को महाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट (SII) को रूस की Sputnik V का उत्पादन करने की अनुमति दे दी। इस बीच केंद्र सरकार ने फाइजर द्वारा भारत में क्षतिपूर्ति पर छूट माँगने वाले मामले पर स्पष्ट किया कि उनकी ओर से किसी विदेशी या भारतीय कोविड वैक्सीन निर्माताओं को किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति छूट देने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
DGCI ने दी अनुमति
जानकारी के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट में Sputnik V के उत्पादन के लिए अनुमति देने के साथ DCGI ने कुछ शर्ते रखी हैं। डीसीजीआई की ओर से तय की गई शर्तों के मुताबिक सीरम इंस्टिट्यूट को सेल बैंक और वायरस स्टॉक ट्रांसफर के लिए अपने और गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के बीच हुए एग्रीमेंट की कॉपी जमा करनी होगी।
इसके अलावा, SII को सेल बैंक और वायरस स्टॉक आयात करने के लिए RCGM अनुमति की एक प्रति और वायरल वेक्टर वैक्सीन Sputnik V के अनुसंधान और विकास को शुरू करने के लिए आरसीजीएम अनुमति की एक प्रति जमा करनी होगी।
बता दें कि, सीरम इंस्टीट्यूट ने पुणे स्थित अपने लाइसेंस प्राप्त हडपसर केंद्र में परीक्षण, जाँच एवं विश्लेषण के लिए कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक-V को बनाने की अनुमति माँगते हुए डीसीजीआई को आवेदन दिया था। इससे पहले SII ने 18 मई को जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ‘जेनेटिक मैनीपुलेशन रिव्यू कमेटी (आरसीजीएम)’ को भी आवेदन देकर अनुसंधान एवं विकास कार्य करने के लिए स्ट्रेन या कोशिका बैंक का आयात करने की अनुमति माँगी थी।
क्षतिपूर्ति पर अभी फैसला नहीं
एक ओर जहाँ वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए भारत में स्पूतनिक वी के उत्पादन को डीजीसीआई ने अनुमति दे दी है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भारत में कोरोना वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव पर क्षतिपूर्ति से छूट देने की माँग की है।
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने बताया कि विदेशी या घरेलू वैक्सीन को क्षतिपूर्ति से छूट देने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उनके मुताबिक फाइजर से बातचीत चल रही है और रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि फाइजर को छूट देने की स्थिति में सरकार स्वदेशी कंपनियों का भी पूरा ख्याल रखेगी, जिन्होंने देश में वैक्सीन उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है।