सोशल मीडिया पर वीडियोज बनाकर फेमस होने का ट्रेंड आज समाज के हर वर्ग में फैला है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ऐसे कंटेंट की तलाश में रहते हैं जिससे उनकी वीडियो वायरल हो और लाइक्स की भरमार लग जाए। ये वीडियो बनाने की आदत जहाँ उनके फॉलोवर्स बढ़ा रही है। वहीं इसकी लत ऐसी है कि जानलेवा भी होती जा रही है।
हाल का एक मामला तो सभी ने सुना। एक जोड़ा था जो समुद्र की तेज लहरों के बीच बैठकर वीडियो बनवा रहा था। इतने में एक लहर ज्यादा तेज आई और साथ में दोनों पति-पत्नी को बहा ले गई। पति बच गया, लेकिन पत्नी डूब गई। मकसद शायद लहरों के बीच बैठ ऐसी वीडियो बनाने का ही हो जो वायरल हो सके। लेकिन किसने सोचा था कि वीडियो तो वायरल हो जाएगी मगर उसकी वजह से एक परिवार उजड़ जाएगा। बच्चे मम्मी-मम्मी करते रह जाएँगे।
A family picnic turned into a tragedy when a 32-year-old woman, Jyoti Sonar, was swept away by a massive wave at Mumbai’s Bandstand in Bandra while her husband and her children looked on helplessly. Watch the viral video.#Tragedy #MassiveWave#bandrabandstand #mumbai #sshaawntv pic.twitter.com/QMyR9IPEik
— sshaawntv (@sshaawntv) July 16, 2023
ये कोई अकेला केस नहीं है जहाँ सोशल लाइक्स की चाह जानलेवा साबित हुई हो। इटावा की एक घटना में दो भाइयों की सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के चक्कर में मौत गई। इन लड़कों के नाम रेहान (17) और चांद (13) थे। अपनी नानी के चालीसवें में ये मामा के घर गए थे जहाँ इन्हें सिंगर नदी का प्रवाह देख रील बनाने की सूझी और दोनों नहाने के लिए वहाँ कूद पड़े। तभी रेहान का पैर फिसला और वह डूबने लगा। जब चांद ने बचाने की कोशिश की तो दोनों वहीं डूब गए।
कानपुर में एक अंश नाम के लड़के ने रील के चक्कर में अपनी जान गवाई। वो अपने 4 दोस्तों के साथ पांडू नदी के पास रील बनाने गया था। वहाँ जैसे ही वो कपड़े उतारकर नदी में कूदा। पानी का प्रवाह उसे अपने साथ बहा ले गया। इसी तरह महाराष्ट्र की भी एक घटना है जहाँ 4 युवक तालाब में नहाने के दौरान अपनी सेल्फी ले रहे थे और फिर वहीं उनमें से एक का पैर फिसला फिर बाकी तीनों भी उसे बचाने में मौत का शिकार हो गए।
ये केवल चंद मामले हैं जो आजकल में सुनाई दिए। इससे पहले भी ऐसी घटनाएँ होती रहीं हैं और अजीब बात ये है कि इन घटनाओं से सतर्क होने के बजाय लोग और ज्यादा ऐसी हरकते करते हुए मिलते हैं। कभी ट्रेन की पटरी पर मूविंग ट्रेन के पीछे खड़े होकर स्टंट दिखाना होता है तो कभी सड़कों पर बाइक उठाकर या लिटाकर…। एक लड़की अभी चर्चा में आई थी जिसने अपनी माँ से जिद्द करके पहले बाइक खरीदी और बाद में रील्स में पिस्तौल लेकर घूमती दिखी। पुलिस ने पकड़ा तो पता चला वो पिस्तौल जैसा लाइटर था।
मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ऐसा कंटेंट देने वाले ये नहीं समझ पाते हैं कि ये सबका उनके लिए और उन्हें देखने वाली ऑडियंस के लिए कितना खतरनाक है। सोचिए कि यदि कोई आमजन किसी इंफ्लूएंसर से इन्फलूएंस होकर ऐसे स्टंट बिन सेफ्टी के करने लगे तो उसका क्या होगा। क्या तब ये इंफ्लूएंसर किसी भी प्रकार की दुर्घटना का जिम्मा खुद पर लेंगे या फिर उन्हें इलाज के लिए पैसा देंगे?
सोशल मीडिया से अलग इसपर मिले रील्स बनाने की हुड़क लोगों में ऐसी है कि यहाँ लोग अपने शौक पूरा करने के लिए और दिखावे से भरी नकली जिंदगी जीने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। लोगों को न जान की परवाह है न धार्मिक स्थलों की। ऐसे लोगों के कारण हाल में मंदिरों में फैसले लिए जा रहे हैं कि कोई कैमरा लेकर अंदर न जाए।
फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए बच्चे और बुजुर्गों का हो रहा इस्तेमाल
ये इस प्लेटफॉर्म के दुष्परिणाम ही है कि यहाँ लड़कियों ने पहले फेमस होने के लिए छोटे कपड़ों को मॉडर्न होने का मतलब बताना शुरू किया और अब हालत ये हैं कि ऑन कैमरा ड्रेस बदलते भी उन्हें हिचक नहीं होती…। ऐसे ही छोटे बच्चे हैं जिनके अभिभावक उन्हें हर रोज तैयार कैमरा दिखा-दिखाकर ट्रेंड कर रहे हैं कि वो सोशल मीडिया फ्रेंडली हो जाएँ। कोई अपने बच्चों से एक्टिंग करवा रहा है तो कोई अजीब हरकतें। कुछ बच्चों के लिए ये प्लेटफॉर्म अवसर भी बनकर उभरा है लेकिन जिनके लिए नहीं उभरा उसे इसे मानसिक रोगी बना दिया है। लोग वीडियो के लिए अपने घर तक को छोड़ने के लिए तैयार होते जा रहे हैं।
सबसे अजीब बात ये देखने वाली है कि अब छोटे बच्चों के अलावा जो बच्चे पैदा हो रहे हैं उनके भी अपने अकॉउंट हैं। अरमान मलिक नाम का यूट्यूबर हाल में तीन बच्चों का पिता बना और अगले ही दिन इंस्टाग्राम पर उसके तीनों बच्चों के नाम पर इंस्टा पेज बन गया जिससे लाखो फॉलोवर जुड़ते गए। अब सोचिए कि वो तीन नवजात क्या कंटेंट बनाएँगे या कैसे वीडियो अपलोड करेंगे… लेकिन अब उनके माता-पिता के कारण उनके अपने फॉलोवर हैं जो उन्हें भर-भर कर लाइक दे देते है…।
क्वालिटी कंटेंट से ज्यादा क्रिंज पर भरोसा
तकनीक के दौर में सोशल मीडिया पर रील्स का ऑप्शन शुरुआत में भागती-दौड़ती जिंदगी में मनोरंजन देने के लिहाज से बनाया गया था। मगर अब इसके उद्देश्य अलग हो चुके हैं। किसी भी डिजटल प्लेटफॉर्म के लिए रील्स का उपयोग प्रचार के लिए जरूरी हो गया। वहीं आम जन की बात करें तो बहुत से लोगों को इसका इस्तेमाल करके फायदा भी हुआ है।
जैसे ये कहना गलत नहीं है कि इसके जरिए बहुत से लोग नए-नए मुकाम पा रहे हैं। किसी को फिल्मों में काम मिल रहा है तो किसी को विदेशों में अवार्ड। कोई मार्केटिंग से पैसे कमा पा रहा है तो कोई खुद के काम का प्रमोशन करके। लेकिन इन सब चीजों के साथ ये भी एक सच है कि मनोरंजन के लिए इस प्लेटफॉर्म की लत से लोग मानसिक रोगी हो रहे हैं। इस रोग में उन्हें लगता है कि बन अश्लीलता फैलाए, बिन जानलेवा स्टंट किए, बिन बच्चों-बुजुर्गों का इस्तेमाल किए वो आगे नहीं बढ़ सकते जबकि सच ये है कि तमाम क्रिएटर ऐसे हैं जो इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके क्वालिटी कंटेंट दे रहे है और उन्हें उसका फायदा भी है।