Sunday, November 17, 2024
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10 देशों ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत से किया अनुरोध, नेपाल को भी चाहिए 1.2 करोड़ डोज: पहली खेप पहुँची दिल्ली

अब तक ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया और श्रीलंका जैसे देशों ने आधिकारिक रूप से भारत से वैक्सीन के लिए अनुरोध किया है। भारत इसमें पड़ोसी और गरीब देशों को पहले...

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत अब अंतिम वार की तैयारी में जुट गया है। कोरोना वैक्सीन की पहली बड़ी खेप पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से दिल्ली पहुँच गई है। वैक्सीन की खेप को संस्थान से पुणे एयरपोर्ट पहुँचाया गया, जहाँ से फ्लाइट से उसे दिल्ली ले जाया गया। मंगलवार (जनवरी 12, 2021) को तड़के ये प्रक्रिया शुरू की गई। सुबह 8 बजे वैक्सीन लदे ट्रक्स एयरपोर्ट पहुँचे और 10:15 में दिल्ली लाए गए।

स्पाइसजेट की फ्लाइट संख्या SG 8937 का इसमें इस्तेमाल किया गया। मंगलवार तक ऐसे कम से कम एक दर्जन फ्लाइट्स के जरिए वैक्सीन की कई खेप दिल्ली पहुँचने वाली है। वैक्सीन Covishield की खेप SII से लोहेगाँव एयरपोर्ट से होकर दिल्ली भेजी गई। जनवरी 16 से फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण शुरू हो जाएगा। ऐसे 3 करोड़ कोरोना वारियर्स के टीकाकरण का पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि ये विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। वैक्सीन के रखरखाव और उसे कहीं ले जाने के लिए -8° C से -70° C तक के विशेष तापमान के अंतर्गत रखना होता है। ट्रांसपोर्टेशन और रखरखाव के लिए ये तमाम चीजें एयरपोर्ट्स प्रशासन और फ्लाइट सेवाओं को बता दिया गया है। इसके लिए ड्राई आइस की व्यवस्था करने को भी कह दिया गया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने सारे दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

ऐसे सभी फ्लाइट्स में कार्बन डाईऑक्साइड रखने को अनिवार्य कर दिया गया है। ये ऐसा रेफ्रिजरेंट मटेरियल है, जो आसानी से उपलब्ध है और इसका उपयोग भी सामान्य है। ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन को लेकर देश भर में तो जोश का माहौल है ही, दुनिया भर के कई अन्य देश भी इसकी माँग कर रहे हैं। कई गैर-एशियाई देश भी इसके लिए भारत को अनुरोध कर रहे हैं। WHO में भारत ने गरीब देशों की मदद के लिए प्रतिबद्धता जताई थी, जिसका पालन किया जाएगा।

अब तक ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया और श्रीलंका जैसे देशों ने आधिकारिक रूप से भारत से वैक्सीन के लिए अनुरोध किया है। भारत इसमें पड़ोसी और गरीब देशों को पहले प्राथमिकता देगी। कई देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वे सरकारी स्तर पर (गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट के आधार पर) या सीधे वैक्सीन डेवलपर्स के साथ समझौते की छूट दी जाए। नेपाल ने भी 1.2 करोड़ डोज माँगे हैं।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि दो वैक्सीन्स के अलावा चार और वैक्सीन पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस टीकाकरण में कई विदेशी ताकतें लोगों को गुमराह करने का प्रयास करेंगी, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी तरह के ‘इफ़ या बट’ की गुंजाइश ना रहे और टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न हो। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह वैक्सीन स्वदेशी हैं और अगर हमें यह बाहर के किसी देश से मँगानी होतीं तो यह समस्या और बड़ी हो सकती थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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