स्पेसएक्स के स्टारशिप (Starship) रॉकेट की लाॅन्चिंग गुरुवार (20 अप्रैल 2023) को असफल रही। यह दुनिया का सबसे विशाल और ताकतवर राॅकेट है। लाॅन्चिंग के कुछ मिनट बाद ही विस्फोट हो गया और राॅकेट आसमान में टुकड़ों में बँट गया। राॅकेट अपने लाॅन्चिंग प्लेटफाॅर्म से तो उड़ान भरने में कामयाब रहा। लेकिन ऊँचाई पर जाने के बाद बूस्टर से अलग नहीं हो पाया। स्पेसएक्स (SpaceX) ने कहा है कि इस तरह के अनुभवों से ही सीख मिलती है। साथ ही भविष्य की लाॅन्चिंग में इस अनुभव से मदद मिलने की बात कही है।
स्टारशिप को भारतीय समयानुसार शाम के करीब सात बजे अमेरिका के टेक्सास स्थित के बोका चिका स्टारबेस से लॉन्च किया गया। करीब 33 किलोमीटर की ऊँचाई पर जाकर मानव रहित राॅकेट में विस्फोट हो गया। इसकी वजह जाँच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। यह स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट था। इससे पहले 17 अप्रैल को तकनीकी वजहों से इसकी लाॅन्चिंग नहीं हो पाई थी। रॉकेट स्पेशएक्स की लंबाई करीब 394 फीट और इसका व्यास 29.5 फीट है।
With a test like this, success comes from what we learn, and today’s test will help us improve Starship’s reliability as SpaceX seeks to make life multi-planetary
— SpaceX (@SpaceX) April 20, 2023
स्पेसएक्स ने इस लाॅन्चिंग से जुड़ी टीम को बधाई देते हुए कहा है कि ऐसे ही अनुभवों से हम सीखते हैं। यह रोमांचकारी था। आज का परीक्षण हमें भविष्य के लिए तैयार करेगा। अगले टेस्ट को लेकर टीम डाटा जमा और रिव्यू कर रही है। स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने भी ट्वीट कर कहा है कि इससे अगले कुछ महीनों में होने वाली अगली लाॅन्चिंग के लिए काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
Congrats @SpaceX team on an exciting test launch of Starship!
— Elon Musk (@elonmusk) April 20, 2023
Learned a lot for next test launch in a few months. pic.twitter.com/gswdFut1dK
स्टारशिप की लाॅन्चिंग इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसकी सफलता इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बना सकती है। इसका मोटे शब्दों में अर्थ यह हुआ कि इसकी मदद से इंसान के लिए पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर कदम रखना आसान हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि मस्क की योजना साल 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर ले जाकर कॉलोनी बसाने की है।