साल 2014 की बात है जब मंगल मिशन के अंतर्गत भारत पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुँचने वाला दुनिया का पहला देश बना था। इसके बाद न्यूयॉर्क टाइम्स में एक कार्टून छपा था, जिसकी सोशल मीडिया से लेकर भारतीय समाचार पत्रों में जमकर आलोचना हुई थी।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मोदी सरकार के नेतृत्व में सितंबर 2014 का महीना ऐतिहासिक साबित हुआ था। मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर) ने पहली ही कोशिश में मंगल की कक्षा में प्रवेश कर रिकॉर्ड बनाया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), अमेरिकी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी (RFSA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद मंगल तक पहुँचने वाली चौथी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी बनकर उभरी थी। इस मिशन की ख़ास बात यह थी कि यह दुनिया का सबसे किफायती मंगल अभियान है। इसमें करीब ₹450 करोड़ खर्च हुए और इस तरह से अपने मंगल मिशन में भारत ने चीन को भी पछाड़ दिया था। वो इसलिए, क्योंकि चीन और जापान अपने पहले मंगल मिशन में नाकामयाब रहे थे।
लेकिन भारत के मंगल मिशन को लेकर अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी अभिजात्य मानसिकता को छुपा नहीं पाया था और एक विवादित कार्टून को माध्यम बनाकर भारत के अंतरिक्ष अभियानों पर कटाक्ष करने का प्रयास किया। इस कार्टून में पगड़ी पहने हुए एक भारतीय शख्स को गाय के साथ ‘एलीट स्पेस क्लब’ का दरवाजा खटखटाते दिखाया गया था। भीतर क्लब के कमरे में संभ्रात से दिख रहे कुछ लोग बैठे हैं और एक सदस्य को अखबार पढ़ते दिखाया गया, जिसमें भारत का मंगल मिशन टॉप हेडलाइन था। कमरे में बैठे दोनों ही सदस्य बाहर के शख्स के दरवाजा खटखटाने से खुश दिखाई नहीं दे रहे थे। इस कार्टून की चौतरफा आलोचना हुई।
शायद अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने यह कार्टून उन पुराने दिनों की याद दिलाने के लिए जारी किया था, जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था और श्वेत-अश्वेत के बीच भेदभाव अपने चरम पर था। अखबार के इस कार्टून की आलोचना खूब हुई थी क्योंकि यह एक कार्टून मात्र न होकर ‘नस्लीय टिप्पणी’ के तौर पर देखा गया था, जो एक विकासशील देश के नागरिकों की बड़ी कामयाबी से जन्मी असहजता का प्रतीक था। यह कार्टून हर हाल में घमंडी और नस्लीय मानसिकता की उपज था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए ऐंटी सैटलाइट वेपन A-SAT सफलतापूर्वक लॉन्च किया और DRDO के सभी वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई भी दी। भारत ने अंतरिक्ष में आज एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति (Mission Shakti) की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है। खास बात यह रही कि भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन भी नहीं किया है। मिशन शक्ति, विश्वभर की सभी शक्तियों के लिए मोदी सरकार द्वारा दिया गया एक बेहतरीन सन्देश है।
वहीं, दूसरी ओर इस देश के विपक्ष में बैठे कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस बड़ी उपलब्धि में भी परिवारवाद के नशे में चूर हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी ने तुरंत इस कामयाबी का श्रेय भी बिना समय बर्बाद किए राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी की दादी इंदिरा और जवाहरलाल नेहरू को देते हुए जता दिया कि देश के हर बड़े-छोटे संस्थान, बौद्धिक केंद्र पर गाँधी परिवार ने सत्ता में रहकर एहसान किया है। ये वही पार्टी है जिसका मानना था कि पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि सेना गई थी। हालाँकि, नरेंद्र मोदी ने ये छटपटाहट कभी नहीं दिखाई और श्रेय हमेशा सेना, रक्षा संस्थानों, DRDO और ISRO को ही दिया है।
We congratulate @isro @DRDO_India & the Govt on the latest achievement for India. The Indian Space Programme established in 1962 by Pt. Jawaharlal Nehru & the Indian Space Research Organisation set up under Smt. Indira Gandhi has always made India proud through its achievements.
— Congress (@INCIndia) March 27, 2019
देखा जाए तो न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा हुआ वह कार्टून कॉन्ग्रेस की अभिजात्य मानसिकता को दर्शाता है, जिसमें क्लब में बैठे हुए कुछ सभ्रांत लोग सिर्फ इसलिए असहज हो जाते हैं क्योंकि कोई आम नागरिक प्रधानमंत्री बनकर खुद को देश का प्रधानसेवक कहकर अपने हर कार्य को राष्ट्र को समर्पित करता है।