भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ग्रीस यात्रा से लौटते ही सीधे बेंगलुरु पहुँचे और वहाँ से इसरो के कमांड सेंटर पहुँचे। यहाँ पीएम मोदी चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने वाले वैज्ञानिकों से मिले और इसरो के कमांड सेंटर को देखा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला वैज्ञानिकों को प्रणाम भी किया। पीएम मोदी ने चंद्रयान 2 के क्रैश लैंडिंग को भी याद किया। उन्होंने चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 के लैंडिंग प्वॉइंट का नामकरण भी किया।
The point where the moon lander of Chandrayaan-3 landed will now be known as 'Shiv Shakti'. pic.twitter.com/C4KAxLDk22
— PMO India (@PMOIndia) August 26, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान 2 ने अपने पदचिह्न छोड़े हैं, वो स्थान अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा। उन्होंने चंद्रयान 3 के लैंडिंग प्वॉइंट को ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ नाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तिरंगा प्वॉइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती, अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं हो सकता।
The point on the Moon where Chandrayaan 2 left its imprints will now be called 'Tiranga'. pic.twitter.com/lQENujwiyk
— PMO India (@PMOIndia) August 26, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा को छुआ है। पीएम मोदी ने भारत की लंबी अंतरिक्ष यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के पास पहले तकनीक नहीं थी। हमारी गिनती दुनिया के तीसरे पायदान पर खड़े देशों में होती थी। वहाँ से निकलकर आज भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है।
आज ट्रेन से लेकर टेक्नोलॉजी तक भारत की गिनती पहली कतार के देशों में हो रही है। भारत की तीसरी कतार से पहली कतार तक पहुँचने की यात्रा में इसरो जैसे संस्थानों की बहुत बड़ी भूमिका रही है। आपने आज मेक इन इंडिया को चाँद तक पहुँचा दिया है।
Interacting with our @isro scientists in Bengaluru. The success of Chandrayaan-3 mission is an extraordinary moment in the history of India's space programme. https://t.co/PHUY3DQuzb
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के दक्षिणी हिस्से से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक की ये यात्रा आसान नहीं थी। हमारे वैज्ञानिकों ने इस काम को अंजाम देने के लिए इसरो की ही लैब में आर्टिफिशियल चाँद तक बना डाला। ढेर सारे प्रयोगों को अंजाम दिया। इसलिए चंद्रयान 3 को सफलता मिलनी ही मिलनी थी। पीएम मोदी ने कहा:
“आज जब मैं देखता हूँ कि भारत की युवा पीढ़ी साइंस, स्पेस और इनोवेशन को लेकर इतनी उर्जा से भरी हुई है, तो उसके पीछे हमारे स्पेस मिशन की सफलता है। मंगलयान, चंद्रयान से लेकर गगनयान तक इसरो ने देश की युवा पीढ़ी को नया मिजाज दे दिया है।”
पीएम मोदी ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने सिर्फ चाँद पर ही तिरंगा नहीं लहराया है, बल्कि आप लोगों ने भारत की पूरी की पूरी पीढ़ी को ही जागृत किया है और उन्हें नई राह दिखाई है। आज से कोई भी बच्चा जब रात में चंद्रमा को देखेगा, तो उसे विश्वास होगा कि जिस हौसले से मेरा देश चाँद पर पहुँचा है। वही हौसला, वही जज्बा बच्चे के भीतर भी है, युवा के भीतर भी है। आज आपने भारत के बच्चों में आकांक्षाओं के जो बीज बोए हैं, वो आने वाले कल में वटवृक्ष बनेंगे और विकसित भारत की नींव बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे युवाओं को प्रेरणा मिलती रहे, इसके लिए एक और निर्णय लिया गया है। भारत अब से चंद्रयान 3 के लैंडिंग दिवस यानी 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पेस सेक्टर की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि मौसम का पूर्वानुमान लगाने की वजह से किसानों को मदद मिलती है। आज मछुवारों को नाविक सिस्टम की वजह से बारिश की जो जानकारी मिलती है, वो आपकी वजह से है। आज प्राकृतिक आपदा आती है, तो आपकी वजह से उसकी जानकारी पहले मिल जाती है। साइक्लोन की सूरत में जन और धन की हानि होती है। एक साइक्लोन इतना नुकसान कर जाता था, जो चंद्रयान 3 के मिशन पर खर्च हुए कुल पैसों से भी ज्यादा होता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो एक सुझाव भी देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि इसरो के रिटायर्ड लोग केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर नेशनल हैकेथॉन का आयोजन करें, जिसमें देश के अधिक से अधिक युवा जुड़ें। ये हैकेथॉन गवर्नेंस पर आधारित हो, जिससे देश के विकास में सहयोग मिलेगा। उन्होंने युवाओं को एक काम भी सौंपा।
भारत वो देश है, जिसने हजारों वर्षों पूर्व ही धरती के बाद अनंत आकाश में देखना शुरू कर दिया था। हमारे यहां सदियों पहले आर्यभट्ट, वाराहमिहिर, भास्कराचार्य जैसे ऋषि मुनि हुए। जब धरती के बारे में किसी को नहीं पता था, तो आर्यभट्ट ने धरती से जुड़ी गणनाएं भी लिख दी थी। धरती गोल है, इस बात की जानकारी भारत ने पहले ही दे दी थी। उन्होंने बाकायदा संस्कृत का श्लोक भी सुनाया और उसका मतलब भी समझाया। उन्होंने बताया कि इस श्लोक में धरती और आकाश के बारे में बताया गया है। हमारे पूर्वजों ने सूर्य-चंद्रमा-पृथ्वी के एक सीध में आने की घटना हमारे कई ग्रंथों में लिखी गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि पृथ्वी ही नहीं, अन्य ग्रहों और उपग्रहों की गति से लेकर आकार तक की जानकारी हमारे ग्रंथों में लिखे गए थे। आज हमारे यहां सैकड़ों वर्षों पहले और बाद के पंचांग तक बनाए जाते हैं।
पीएम मोदी ने युवाओं को चुनौती भी दी। भारत के ग्रंथों में खगोलीय विज्ञान के जो सूत्र लिखे गए हैं, आज के युवा उन्हें प्रतिस्थापित करने के लिए उनपर रिसर्च करें और उन्हें साबित करें। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा ज्ञान गुलामी की मानसिकता के नीचे दब गया था, उन्हें अब उभारना है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को आज के आधुनिक विज्ञान को नए आयाम देने हैं। समंदर की गहराइयों से लेकर आसमान की ऊंचाई तक करने को बहुत कुछ है। आज डीप अर्थ को भी देखिए, डीप सी को भी देखिए। आप नेक्स्ट जेन कंप्यूटर भी बनाइए और जेनेटिक इंजीनियरिंग में भी सिक्का जमाइए। आपके पास करने को बहुत कुछ है।
उन्होंने कहा कि आज की 21वीं सदी में जो देश साइंस और टेक्नोलॉजी में बढ़त बना लेगा, वो देश सबसे आगे बढ़ जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत की स्पेस इंडस्ट्री 8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 16 बिलियन डॉलर हो जाएगी, ऐसा विशेषज्ञ बोलते हैं, तो सरकार भी इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। भारत में पिछले कुछ सालों में 4 से बढ़कर करीब 100 स्टार्टअप स्पेस सेक्टर में काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 1 सितंबर से my.GOV ऐप चंद्रयान मिशन को लेकर बहुत बड़ा क्विज कॉम्पटीशन लॉन्च कर रहा है। मैं चाहता हूं कि सभी युवा, छात्र इससे जुड़े। उन्होंने कहा कि इसरो को इस मिशन को लीड करना चाहिए। इसरो सभी युवाओं के लिए रोल मॉडल है। आपकी वर्षों की तपस्या ने ये साबित किया है कि आप जो ठान लेते हैं, वो आप करके दिखाते हैं। देश के लोगों का विश्वास आप पर है और विश्वास कमाना छोटी बात नहीं होती है।