Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीअमेरिका का पैसा और सिक्योरिटी, चीन का लैब... ऐसे लीक हुआ कोरोना वायरस: वुहान...

अमेरिका का पैसा और सिक्योरिटी, चीन का लैब… ऐसे लीक हुआ कोरोना वायरस: वुहान में काम कर चुके वैज्ञानिक की किताब में खुलासा – मानव निर्मित है कोविड

"विदेशी प्रयोगशालाओं के पास उचित जैव सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण उपाय नहीं थे। अंततः वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में लैब लीक हुआ।"

कोरोना की उत्पत्ति को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते रहे हैं। कई इसे जीव-जनित बताते हैं तो कई लोगों का मानना है कि यह चीन स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। अब इस दावे को और बल मिल रहा है। यहाँ काम कर चुके एक वैज्ञानिक ने इस संबंध में एक अहम खुलासा किया है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन स्थित ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ में काम करने वाले वैज्ञानिक एंड्रयू हफ का दावा है कि कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस है, जो WIV से लीक हो गया था।

एंड्रयू हफ ने वायरस का अध्ययन करने वाले न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि कोविड को ढाई साल से पहले चीन में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक किया गया। हफ ने इसे 9/11 के बाद की सबसे बड़ी अमेरिकी खुफिया विफलता बताया और इसके लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया।

यह प्रयोगशाला कोविड की उत्पत्ति के बारे में बहस के केंद्र रहा है। हालाँकि, चीन के सरकारी अधिकारियों और प्रयोगशाला कर्मियों ने हमेशा इससे इनकार किया है कि वायरस लैब से लीक हुआ था। महामारी वैज्ञानिक हफ ने अपनी नई पुस्तक ‘द ट्रूथ अबाउट वुहान’ में कहा कि चीन में कोरोना वायरस अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण का परिणाम था। उन्होंने कहा कि चीन में एक्सपेरिमेंट को LAX सुरक्षा के साथ किया गया, जिसके कारण वुहान लैब में लीक हुआ। ‘लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट सिक्योरिटी (LAX सुरक्षा)’ लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पुलिस का एक प्रभाग है।

उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा, “विदेशी प्रयोगशालाओं में बायो-सेफ्टी (खतरनाक रोगाणुओं से निपटने के उपाय), बायो-सिक्योरिटी (वायरस के प्रसार को रोकना) और को सुनिश्चित करने और जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी तैयारियाँ नहीं की गई थीं। अंततः यही चीजें WIV से वायरस लीक होने का कारण बनीं। पिछले दो वर्षों में लगातार ऐसे सबूत सामने आए हैं जिससे पता चलता है कि वायरस लैब से लीक हो गया था।

हफ ‘इकोहेल्थ एलायंस’ के एक पूर्व उपाध्यक्ष हैं, जो न्यूयॉर्क स्थित एक गैर-लाभकारी समूह है। ये अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH)’ के साथ एक दशक से अधिक समय से चमगादड़ों में अलग-अलग कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहा है और इस संस्था ने वुहान लैब से भी घनिष्ठ संबंध बनाए थे।

वैज्ञानिक हफ ने लिखा, “चीन पहले दिन से यह जानता था कि कोरोना वायरस को जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से बनाया गया था। इसका जिम्मेदार अमेरिका को ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि बायोटेक्नोलॉजी की ये तकनीक उसी ने चीन को दी थी।” बता दें कि ‘जेनेटिक इंजिनयरिंग’ के माध्यम से किसी जीव के जीन्स में छेड़छाड़ कर के उसके स्वभाव को बदला जा सकता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कार्तिक पूजा कर रहे थे हिंदू, ‘ईशनिंदा’ का आरोप लगा इस्लामी कट्टरपंथियों ने बोला धावा: बंगाल में पत्थरबाजी-आगजनी, BJP ने साझा किया हिंसा का...

मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा कस्बे में शनिवार (16 नवंबर 2024) की शाम को उग्र इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों पर हमला कर दिया।

क्या है AFSPA, जिसे मणिपुर में मंत्री-MLA के घरों पर हमले के बाद 6 थाना क्षेत्रों में किया गया है लागू: क्यों राज्य सरकार...

मणिपुर के हिंसा प्रभावित 6 थाना क्षेत्रों में फिर से लागू किए गए 'सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम (AFSPA)' को राज्य ने हटाने की माँग की।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -