इंडियन एयरफोर्स में तकरीबन 44 साल पहले शामिल हुआ मिग-21 फाइटर जेट इस साल दिसंबर में फेजआउट हो जाएगा। इसके साथ ही मिग-27 भी फेजआउट हो जाएगा। एयरचीफ मार्शल बी एस धनोआ ने भारतीय वायु सेना के पुराने पड़ चुके फाइटर जेट्स और हथियारों पर बात करते हुए कहा कि वायुसेना 40 साल से भी ज्यादा पुराने फाइटर जेट्स उड़ा रही है। इतनी पुरानी तो कोई कार भी नहीं चलाता है।
एयरचीफ मार्शल ने कहा, “हम स्वदेशी तकनीक द्वारा पुराने हो चुके लड़ाकू उपकरणों को बदलने का इंतज़ार नहीं कर सकते, न ही हर रक्षा उपकरण को विदेश से आयात करना समझदारी होगी। हम अपने पुराने हो चुके हथियारों को स्वदेश-निर्मित हथियारों से बदल रहे हैं।”
IAF Air Chief Marshal BS Dhanoa: We can’t wait for indigenous technology to replace obsolete warfighting equipment,neither will it be prudent to import every defence equipment from abroad.What we’re doing is replacing our high-end obsolete weapons with indigenously developed ones pic.twitter.com/CAeoAk5WNf
— ANI (@ANI) August 20, 2019
वायु सेना प्रमुख ने यह बात दिल्ली स्थित एयरफोर्स ऑडिटोरियम में एयरफोर्स के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर आयोजित एक सेमिनार में कही। इस सेमिनार में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। एयरचीफ मार्शल धनोआ ने कहा, “वायु सेना अभी भी 44 साल पुराने मिग-21 जेट्स उड़ा रही है, जबकि इतने साल बाद कोई अपनी कार तक नहीं चलाता। वायु सेना का मिग-21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है। लेकिन अभी भी यह विमान वायु सेना की रीढ़ की हड्डी बना हुआ है। दुनिया में शायद ही कोई देश इतना पुराना फाइटर जेट उड़ाता है। वजह है वायु सेना के पास मिग 21 के विकल्प के तौर पर कोई फाइटर जेट नहीं है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वायु सेना पूरे दमखम के साथ इसके भरोसे न केवल सरहद की हिफाजत करती है, बल्कि दुश्मन की चुनौतियों का जवाब भी देती है।”
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना एक पेशेवर वायुसेना है। बालाकोट हमले के बाद जिसका लोहा दुनिया ने माना है। भारत पाकिस्तान सीमा पर तनाव पर एयरफोर्स चीफ ने कहा कि वायुसेना हमेशा से सतर्क है। ऐसा नहीं है कि तनाव हुआ है तो सेना सतर्क है। एयर डिफेंस सिस्टम की जिम्मेदारी वायुसेना की है और वह चौकन्नी है।