Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजकेरल में वैक्सीनेशन से रोक रहा मजहब, बनारस में 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद को...

केरल में वैक्सीनेशन से रोक रहा मजहब, बनारस में 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद को दूसरी डोज: कोरोना टीका लगवाने वाले सबसे बुजुर्ग बने

पिछले दिनों केरल से खबर आई थी कि वहाँ 2300 शिक्षकों और 300 गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने मजहबी कारणों का हवाला देते हुए वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया है।

देश भर में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। इस बीच जहाँ कुछ जगहों पर लोग भ्रम अथवा अन्य कारणों से वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसी भी खबरें सामने आ रही है जो लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित भी करती हैं।

वाराणसी में टीकाकरण के दौरान 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद ने इस सप्ताह की शुरुआत में वैक्सीन की अपनी दूसरी खुराक ली। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दावा किया गया है कि दोनों डोज लगवाने वाले वे सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सारिका राय ने बताया कि स्वामी शिवानंद पिछले कई वर्षों से काशी में रह रहे हैं। उन्हें नौ जून को पहली खुराक दी गई थी। उनका आधार कार्ड देख स्वास्थ्य कर्मचारी तब चौंक गए जब उस पर जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 देखी।

वाराणसी के स्वामी शिवानंद की उम्र जितना चौंकाती है, उससे ज्यादा ये कि 125 साल की उम्र में भी वह एकदम चुस्त-दुरुस्त हैं। मूल रूप से बंगाल के श्रीहट्ट जिले के निवासी स्वामी शिवानंद लगभग 40 वर्षो से वाराणसी के भेलूपुर में कबीर नगर कॉलोनी में रह रहे हैं। सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गाकुंड में शिवानंद ने वैक्सीन प्राप्त की। टीकाकरण के प्रति उनके जज्बे को स्वास्थ्यकर्मियों समेत वहाँ मौजूद सभी ने न केवल सराहा, बल्कि इसे प्रेरणादायक कदम बताया।

स्वामी शिवानंद ने बताया कि उनकी लंबी उम्र का राज योगा है। उन्होंने बताया कि वह हर दिन योगाभ्यास करते हैं और बिना तेल और मसालों के खाना खाते हैं। उनके साथी ने बताया कि स्वामी शिवानंद अकेले रहते हैं, अभी भी स्वस्थ हैं और उन्हें कोई बीमारी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केरल से खबर आई थी कि वहाँ 2300 शिक्षकों और 300 गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने मजहबी कारणों का हवाला देते हुए वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया है। वहीं सरकार द्वारा भी इन्हें छूट देने पर विवाद खड़ा हो गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -