Tuesday, November 5, 2024
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18 साल पहले डर से कबूला था इस्लाम, मुजफ्फरनगर के आश्रम में हवन-पूजा कर पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में की वापसी

इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकारने वाला परिवार बिनौली क्षेत्र का है। इनका कहना है कि 18 साल पहले इन्हें डराकर इस्लाम कबूल करवाया गया था। लेकिन अब ये दोबारा हिंदू धर्म में आना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बघरा स्थित योग साधना यशवीर आश्रम में एक मुस्लिम परिवार के 15 लोगों ने धर्म बदलकर हिंदू धर्म में एंट्री ली। परिवार का कहना है कि उन्होंने 18 साल पहले डरकर इस्लाम कबूला था, मगर अब वह दोबारा धर्म में लौटना चाहते हैं।

जानकारी के मुताबिक, ये परिवार बिनौली क्षेत्र का है और इन्होंने सोमवार (नवंबर 8, 2021) को आश्रम पहुँचकर हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद आश्रम के संचालक यशवीर महाराज ने उनसे आश्रम में हवन-पूजा करवाई और इनकी हिंदू धर्म में आस्था देखते हुए इन्हें दोबारा हिंदू धर्म में स्वीकार कराया।

इस दौरान इन्हें जेनऊ पहनाई गई और विधि-विधान से शुद्धिकरण के बाद रहीसू का नाम यशपाल किया गया, दानिश का नाम दिनेश किया गया, जरीना को मिथलेश बनाया गया। इसी तरह शमी को बादल, सनी को दीपक, गुलबहार को संगीता, आसमां को कविता, आशिया को वंदना, आनिया को प्रतिमा, नीशा को नीशा देवी, सुलेखा का सरोज, असगर का बिल्लू कुमार, शकील का अमित, अशरफ का विनोद नाम रखा गया।

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार के कुल 15 लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की। इनमें 7 महिलाएँ, 5 पुरूष और 3 बच्चियाँ हैं। परिवार मजदूरी करके पेट पालता है। इस धर्म परिवर्तन की पूरी प्रक्रिया में मोहनलाल, सागर शर्मा, सुमित चौधरी, परमजीत, अमरपाल, मुकेश कुमार और रविंद्र मौजूद थे। वहीं परिवार के सदस्यों ने कहा कि 18 साल बाद उन्होंने हिंदू धर्म में वापसी कर ली है। उनके मुताबिक, उन्होंने इस्लाम डर से अपनाया था लेकिन अब हिंदू धर्म वह अपनी मर्जी से स्वीकार रहे हैं। उनके ऊपर किसी ने दबाव नहीं बनाया।

बता दें कि इससे पहले इस्लाम छोड़कर परिवार सहित हिंदू धर्म अपनाने का एक मामला यूपी के शामली से आया था। वहाँ 9 अगस्त को तीन मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की थी। कांधला कस्बे के सूरज कुंड मंदिर में पहले इन परिवारों का पूजा-पाठ के साथ शुद्धिकरण किया गया, इसके बाद 18 मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कर उनकी घर वापसी कराई गई। घर वापसी करने वालों में 7 महिलाएँ, 4 पुरुष और 4 बच्चे शामिल थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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