देश में सीएए के ख़िलाफ हो रहे प्रदर्शनों और विरोध के नाम पर की जा रही हिंसा से चिंतित देश के 154 पूर्व जजों और अफसरों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख हिंसा करने वालों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। साथ ही आशंका व्यक्त की कि इन विरोध प्रदर्शनों की आड़ में देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है।
केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के अध्यक्ष और सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली के नेतृत्व में दिल्ली पहुँचे एक प्रतिनिधमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने मौजूदा हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक तत्व नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। हालाँकि, पत्र में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन भड़काने को लेकर किसी दल या व्यक्ति का नाम नहीं लिखा गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखने वाले 154 दिग्गजों में पूर्व न्यायाधीश, सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी और रक्षा अधिकारी समेत अन्य कई विभागों से जुड़े रहे अधिकारी भी शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों ने CAA के खिलाफ देश में हो रहे प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने वालों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। साथ ही इन अधिकारियों ने बताया कि इस सभी प्रदर्शनों को राजनीतिक पार्टियाँ संचालित कर रही हैं।
पत्र लिखने वाले पूर्व जज और अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की हैं कि विरोध के नाम पर हो रही हिंसा के पीछे देश को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। इस मामले पर केंद्र पूरी गंभीरता से गौर करे और देश के लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करे। बता दें कि राष्ट्रपति को सौंपे गए इस पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में 11 पूर्व न्यायाधीश, तीनों प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी, पूर्व राजनयिक समेत 72 हस्तियाँ शामिल हैं। इनके अलावा रक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे 56 टॉप अधिकारी, एकेडमिक स्कॉलरशिप चिकित्सा क्षेत्र से भी जुड़े लोग शामिल हैं।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने सीएए विरोध के नाम पर हिंसा और आगजनी की गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया था।