उत्तरप्रदेश में सीएए के ख़िलाफ़ भड़की हिंसा पर कट्टरपंथी समूह पीएफआई की भूमिका लगातार घेरे में आ रही है। कई आला अधिकारी और राजनेता इस समूह को प्रत्यक्ष रूप से दंगों के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं। ऐसे में यूपी के आईजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने जानकारी दी है कि उन्होंने इस समूह के 25 लोगों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। साथ ही यूपी के डीजीपी ने भी इस समूह को प्रतिबंधित करने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।
मीडिया रिपोर्ट्स से अनुसार लखनऊ में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए लॉ एंड ऑर्डर आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पीएफआई से जुड़े 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
Praveen Kumar, IG (Law & Order), Uttar Pradesh: 25 persons affiliated with Popular Front of India (PFI) have been arrested across the state, for their involvement in different criminal activities. pic.twitter.com/1ztLLpAvBX
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2020
इसके अलावा, बता दें, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने भी इस समूह को प्रतिबंधित करने के लिए गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में जाँच के दौरान पीएफआई की संलिप्तता पाई गई।
Union Minister Ravi Shankar Prasad on Popular Front of India (PFI): PFI’s role in violence is coming forward, Home Ministry will decide on further action based on evidence. There’re many allegations against them including connection with Students Islamic Movement of India (SIMI). pic.twitter.com/yhuBG7S3IW
— ANI (@ANI) January 1, 2020
जिसके बाद डीजीपी ओपी सिंह के पत्र पर देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हिंसा में PFI की भूमिका आगे आ रही है, गृह मंत्रालय सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगा। PFI पर स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से संबंध सहित कई आरोप हैं।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ यूपी में हुई हिंसा में बीते दिनों पीएफआई से लिंक मिलने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि संगठन से जुड़े आरोपितों के यहाँ से आपत्तिजनक सामग्रियाँ, साहित्य, सीडी आदि मिले थे। जिसको आधार बनाकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन को बैन करने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने भेजा।
अब कहा जा रहा है कि प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के रोल पर जाँच का दायरा और ज्यादा बढ़ सकता है। क्योंकि पीएफआई 7 राज्यों में पिछले कई महीनों से सक्रिय है। इनमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।