पटना में बाढ़ से हालात विकट होते जा रहे है। स्थिति यह है कि अधिकतर मंत्रियों के घर में पानी घुस चुका है। केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक हेलीकॉप्टर दिल्ली से और एक गोरखपुर से पटना भेजा गया है। इनका इस्तेमाल रहत सामग्री के वितरण में किया जाएगा। पानी बाहर निकालने के लिए बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने कोल इंडिया से 2 हाई-पॉवर पम्पिंग मशीन की माँग की है। साथ ही विभाग ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में बिजली सप्लाई बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस बीच, अब लोगों को गुस्सा भी फूटने लगा है। पटना के कदमकुआँ-नाला रोड जाम कर पीने का पानी और बिजली के लिए विरोध-प्रदर्शन किया गया। बिहार सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने 1975 के बाद से ही पटना में बाढ़ के ऐसे हालात नहीं देखे। भारी बारिश के कारण मगध यूनिवर्सिटी की परीक्षाएँ भी रद्द कर दी गई हैं। इस परीक्षा से क़रीब 1.33 लाख छात्र जुड़े हुए हैं, जिनकी परीक्षाएँ अब दुर्गा पूजा ख़त्म होने के बाद ही पूरी हो पाएँगी। स्थिति पर लगातार नज़र बनाए रखने के लिए गया में आपदा प्रबंधन विभाग ने एक कण्ट्रोल रूम स्थापित किया है।
Heavy waterlogging reported in SK Puri area in #Patna following heavy rainfall #patnaflood #PatnaRain #BiharFlood pic.twitter.com/fahbqoNUhp
— TOI Patna (@TOIPatna) September 30, 2019
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह प्रकृति का प्रकोप है, जिसके आगे मनुष्य अक्सर असहाय हो जाता है। नीतीश ने कहा, “सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि किसी को इस बारे में कुछ नहीं पता कि यह मूसलाधार बारिश कब तक जारी रहेगी?” सीएम ने कहा कि मौसम विभाग भी ऐसी स्थिति में असहाय है। नीतीश ने बताया कि मौसम विभाग समय के साथ अलग-अलग अनुमान लगा रहा है और कोई सटीक निष्कर्ष सामने नहीं आ रहा। गंडक, कोशी, गंगा, बागमती और महानंदा- इन सभी नदियों का जलस्तर तेज़ी से आगे की तरफ़ बढ़ रहा है।
पटना का एन एम सी एच… वार्ड में घुटने भर पानी,मरीज़ बेहाल और सुशासन बाबू कहते हैं धैर्य बनाए रखें….. विकास के दावों की पोल खोलती हुई। pic.twitter.com/MmSJCjIWqb
— Dr. Ajay Kumar Singh (@AjayKum03052985) September 28, 2019
सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रहा है, जिसमें नीतीश कुमार और सुशील मोदी का पोस्टर डूबता हुआ दिख रहा है। लोगों ने इस फोटो को लेकर तंज कसा। लोगों ने राज्य सरकार के कर्ता-धर्ता की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए और इसके लिए लोगों को इस पोस्टर से अच्छा उदाहरण क्या मिल सकता था? इसके लिए लोगों ने दिनकर रचित ‘रश्मिरथी’ की इन पंक्तियों का इस्तेमाल किया:
थी सभा सन्न, सब लोग डरे,
चुप थे या थे बेहोश पड़े।
केवल दो नर ना अघाते थे,
धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे।
“थी सभा सन्न, सब लोग डरे, चुप थे या थे बेहोश पड़े।
— आनंद सिंह(आजाद दस्ता) (@anandpassion) September 29, 2019
केवल दो नर ना अघाते थे, धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे… ” pic.twitter.com/jrWGMP9wvo
केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि गृह मंत्रालय सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों से संपर्क में है और बिहार की माँग के बाद राज्य में एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजी जा रही हैं। कुल मिला कर एनडीआरएफ की 19 टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगी हुई हैं। पिछले 2 दिनों में 29 लोगों के मौत की ख़बर है। अन्य शहरों में भी स्थिति भयावह है। जहाँ गया में एक घर ढहने से 6 लोग मारे गए, वहीं नालंदा में बाढ़ में 3 लोग बाह गए।
ट्रेनों का परिचालन ठप्प पड़ा हुआ है। कुल 26 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं। इसके अलावा 20 अन्य ट्रेनों का रूट बदला गया है। पटना के अधिकतर इलाक़ों में लोगों के छाती की ऊँचाई तक पानी भरा पड़ा है। लाचार बिहार सरकार और लचर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण यहाँ का प्रशासन अब भारतीय वायुसेना से मदद की आस में बैठा है। कॉन्ग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने नीतीश कुमार के इस्तीफे की माँग करते हुए कहा कि वह लोगों के लिए उचित व्यवस्था करने में विफल साबित हुए हैं।