UP के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में गौ तस्करों की पुलिस से मुठभेड़ (Encounter) हुई है। इस मुठभेड़ में जीशान, सद्दाम और कासिम नाम के 3 गौ तस्कर घायल हुए हैं। बाद में इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुठभेड़ के दौरान पुलिस का एक कांस्टेबल भी घायल हुआ है। घटना 11 – 12 मई 2022 (बुधवार) रात की है। सभी गौ तस्कर पुराने अपराधी बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आई है जिसमें घायल गौतस्करों को लंगड़ाते और कहारते हुए देखा जा सकता है।
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) May 12, 2022
गाजियाबाद पुलिस के SP सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया, “थाना विजयनगर की जल निगम पुलिस चौकी पर चेकिंग की जा रही थी। उसी दौरान पुलिस को सिल्वर कलर की स्कार्पिओ में एक गाय के बँधे होने की सूचना मिली। साथ ही स्कार्पिओ में गौ तस्करों की भी मौजूदगी का पता चला। पुलिस ने तस्करों का पीछा किया। इस दौरान अनियंत्रित हो कर तस्करों का वाहन एक पेड़ से टकरा गया। पुलिस ने उन सभी को घेर कर आत्मसमर्पण कर को कहा।”
#CrackdownGhaziabad#GhaziabadPolice | उक्त सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नगर, प्रथम की वीडियो बाइट । https://t.co/HGiLBEPWWj pic.twitter.com/FsMS01TBBz
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SP सिटी ने आगे बताया, “पुलिस द्वारा सरेंडर के प्रस्ताव को ठुकरा कर तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस का एक कॉन्स्टेबल घायल हो गया। जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई जो तीनों गौ तस्करों को लगी। गौ तस्कर जीशान मेरठ के फलावदा का रहने वाला है। जबकि बाकी 2 अन्य सद्दाम और कासिम गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन सभी पर गौ हत्या के 7 – 8 मुकदमे हैं। इनके पास से बेहोश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला इंजेक्श, कुल्हाड़ी, तमंचे, चाकू, रस्सी के साथ एक गाय भी बरामद हुई है। आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपितों के पास से गाय को सुरक्षित बचा लिया गया है। गाय को एक स्थानीय गौशाला में भेज दिया गया है। घायल तीनों आरोपितों का इलाज करवाया जा रहा है। तस्करी में प्रयोग होने वाली स्कार्पिओ को भी जब्त कर लिया गया है। घायल कांस्टेबल का नाम दीपक कुमार है जिनकी हालात फिलहाल सामान्य है। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले गाजियाबाद के ही हिंडन विहार इलाके में गौ वंश के अवशेष मिले थे। इसके बाद हिन्दू संगठनों ने हंगामा किया था। तब से पुलिस गौ तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चला रही थी। उसी अभियान के दौरान पुलिस को ये सफलता मिली है।