उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में Covid-19 वैक्सीन से भरी सिरिंज को कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है। इस मामले में आरोपित एएनएम/नर्स निहा खान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और आरोपित की सेवा समाप्त करने का निर्देश भी दिया गया है। साथ ही टीकाकरण केंद्र की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आफ़रीन के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है क्योंकि डॉ. आफ़रीन, निहा द्वारा की जा रही लापरवाही से अवगत थी।
क्या है मामला?
मामला तब सामने आया जब सोमवार (24 मई) को अलीगढ़ के जमालपुर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) में निरीक्षण के दौरान कूड़ेदान में Covid-19 वैक्सीन से भरी 29 सिरिंज पाई गईं। इसके बाद मामले की सूचना तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भानु प्रताप कल्याणी को दी गई जिनके द्वारा जाँच का आदेश दिया गया। जाँच में केंद्र में तैनात सभी लोगों के बयान दर्ज किए गए। स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित अन्य स्टाफ का कहना है कि एएनएम निहा खान टीकाकरण करने के बजाय वैक्सीन से भरी सिरिंज तोड़कर कूड़ेदान में फेंक रही थी। इसके बाद जब स्टाफ ने निहा से बात की तो उसने कहा कि ‘मूड खराब’ है।
दूसरी तरफ यह भी खबर मिली है कि जमालपुर UPHC की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आफ़रीन, एएनएम निहा के द्वारा की जा रही लापरवाही से अवगत थीं। लेकिन डॉ. आफ़रीन ने न तो आरोपित एएनएम के खिलाफ खुद कोई कार्रवाई की और न विभाग को इसकी सूचना दी।
Aligarh: “Nurse Niha Khan used to insert needle inside body and took it out without releasing vaccine. 29 loaded injection found from dustbin. Dr. Afreen was aware of it, but she didnt complaint to authority”
— Facts (@BefittingFacts) May 29, 2021
They are with life of people. pic.twitter.com/ncKNiqv9Kl
मामला सामने आने के बाद बुधवार (26 मई) को जाँच के लिए समिति गठित की गई जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार (28 मई) को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में रखी गई। रिपोर्ट के बाद निहा खान की सेवा समाप्त करने का आदेश दे दिया गया है और तथ्यों को छुपाने के आरोप में डॉ. आफ़रीन को जमालपुर UPHC से हटाकर हरदुआगंज भेजा जा सकता है।
अलीगढ़ जिलाधीश चंद्र भूषण सिंह ने कहा है कि जाँच के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है। आपको बता दें कि जमालपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज मिले थे। जिसके बाद इस क्षेत्र में हर दिन 250 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया था।