श्रद्धा हत्याकांड (Shraddha Murder Case) मामले में दिल्ली पुलिस को सबूतों को जुटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धा की हत्या करने वाला आफ़ताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) न सिर्फ सनकी है, बल्कि शातिर भी है। अदालत में भले उसने कह दिया कि उसने जो कुछ किया गुस्से में किया, लेकिन पुलिस जाँच में उसकी सुनियोजित साजिश का खुलासा हो रहा है।
इस मामले की जाँच कर रही दिल्ली की महरौली पुलिस (Delhi Police) का कहना है कि आफताब पूनावाला ने सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी कि श्रद्धा वालकर की हत्या के बाद उसके शरीर के अंगों को कैसे ठिकाने लगाना है। इसके लिए उसने सावधानी अपनाई थी।
मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस को यह भी पता चला है कि वह ट्रैक किए जाने और पकड़े जाने से बचने के लिए हर तिकड़म अपनाता था। जब भी वह श्रद्धा के अंगों को फेंकने के लिए घर से बाहर निकलता था तो वह अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़ देता था। इस वजह से पुलिस को हत्याकांड के हर पहलुओं को एक साथ जोड़ने में परेशानी हो रही है।
पूनावाला के फ्लैट मार्किंग स्पॉट से शरीर के अंगों को ठिकाने लगाने के लिए जो नक्शा मिला है, वह एक और कारण है जिससे पुलिस को संदेह है कि उसने योजना बनाई थी। एक अधिकारी ने बताया कि उसने हत्या के बाद हर कदम पर योजना बनाई। उसने इलाके की रेकी की और अंगों के फेंकने के लिए फ्लैट से 2 किलोमीटर दूर जंगलों के अंदरूनी भाग को चुना।
पुलिस का कहना है कि आफताब ने न केवल ‘डेक्सटर’ जैसी क्राइम सीरीज से प्रेरणा ली, बल्कि सबूतों को नष्ट करने के तरीके का भी अध्ययन किया। उसकी सोच यह थी कि हत्या का पता चलने पर भी कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ पुख्ता सबूत की कमी के कारण उस पर अपराध का आरोप ना लगा सकें।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (22 नवंबर 2022) को आफताब पूनावाला को अदालत में पेश करते हुए इसी आधार पर उसकी हिरासत माँगी थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसे घटनाओं के क्रम को स्थापित करने और सबूत खोजने के लिए और समय की जरूरत है।
पुलिस विभाग के सूत्रों ने कहा कि पुलिस के पास आफताब के पिछले छह महीनों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) हैं, लेकिन मई और जून के महीनों में मोबाइल की लोकेशन उसके छतरपुर हिल्स स्थित फ्लैट की है। इसी दौरान आफ़ताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़ों को ठिकाने लगाया था।
पूछताछ के दौरान आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने श्रद्धा के शव के अधिकांश टुकड़े दिल्ली के महरौली के जंगलों और गुरुग्राम के जंगल में फेंके थे। हालाँकि, मोबाइल लोकेशन इन जगहों की नहीं है। इससे पता चलता है कि वह जानबूझकर शव के टुकड़े फेंकने के वक्त मोबाइल लेकर नहीं जाता था।
पुलिस के सामने दूसरी चुनौती सीसीटीवी फुटेज की है। हत्याकांड के छह महीने बीत चुके हैं और पुलिस को सबूत के तौर पर कोई डेटा नहीं मिल रहा है। बकौल पुलिस अधिकारी, उसके फ्लैट के ठीक सामने एक सीसीटीवी कैमरा है। हालाँकि, अब इसमें घटना के समय का कोई फुटेज उपलब्ध नहीं है।
शातिर आफताब ने शव को ठिकाने लगाने में महीनों का समय लिया और हत्या के बाद कुछ महीने बाद तक श्रद्धा का सोशल मीडिया प्रोफाइल ऐक्टिव रखा, ताकि किसी को संदेह ना हो। पुलिस ने यह भी कहा कि आफताब को पता था कि श्रद्धा अपने परिवार के संपर्क में नहीं है।
पुलिस के अनुसार, “श्रद्धा के कुछ दोस्तों ने ही सोशल मीडिया पर उससे संपर्क करने की कोशिश की थी, क्योंकि उसका नंबर बंद था। उस दौरान आफताब ने उनमें से कुछ को सोशल मीडिया पर जवाब दिया था। इसलिए किसी को भी संदेह नहीं था कि कुछ गलत हुआ है।”
इस बीच, दिल्ली पुलिस की एक टीम ने फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से आगे की तलाशी लेने के लिए बुधवार (23 नवंबर 2022) को फिर से आफताब के फ्लैट की तलाशी ली। एक अन्य टीम पूनावाला द्वारा बताए गए स्थानों का निरीक्षण करने महरौली जंगल भी गई। पुलिस ने गोताखोरों को भी महरौली तालाब की तलाशी लेने के लिए भी बुलाया, ताकि पता लगाया जा सके कि श्रद्धा के शरीर के अंग उसमें फेंके गए हैं या नहीं।
दूसरी ओर, आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट बुधवार (23 नवंबर 2022) को नहीं हो सका। कहा जा रहा है कि वह चिकित्सकीय रूप से फिट नहीं था। उसे कथित तौर पर बुखार था। डॉक्टरों ने कहा कि वह पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लायक नहीं है। गुरुवार (24 नवंबर 2022) को उसका पॉलीग्राफ टेस्ट हो सकता है।