लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (9 नवंबर) को ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाया। पाँच जजों की संवैधानिक पीठ ने 40 दिनों की सुनवाई के बाद यह फ़ैसला सुनाया। फ़ैसले के तहत विवादित ज़मीन राम लला के हक़ में गई। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ ज़मीन अलग से मस्जिद के लिए देने की बात कही।
बता दें कि अयोध्या फ़ैसले का स्वागत करते हुए हिन्दी सिनेमा जगत की हस्तियों द्वारा प्रतिक्रियाएँ दर्ज की जा चुकी हैं। हाल ही में सलमान ख़ान के पिता सलीम ख़ान ने मस्जिद निर्माण के लिए मिलने वाली ज़मीन पर स्कूल या अस्पताल बनाने की सलाह दे चुके हैं। इसी बीच अब गीतकार और लेखक जाावेद अख़्तर ने 5 एकड़ ज़मीन पर अस्पताल बनाने सलाह दी है। जावेद अख़्तर ने ट्विटर के ज़रिए अपनी प्रतिक्रिया दी। इसमें उन्होंने लिखा, “बहुत अच्छा होगा अगर इस 5 एकड़ जमीन पर चैरिटेबल हॉस्पिटल बनाने का फैसला किया जाएगा। इसे सभी समुदाय के लोगों का समर्थन भी मिलेगा।”
It would be really nice if those who get the 5 acres as compensation decide to make a big charitable hospital on that land sponsored and supported by the people all the communities .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) November 10, 2019
इससे पहले 83 वर्षीय सलीम ख़ान ने अयोध्या फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को मिलने वाली पाँच एकड़ ज़मीन पर स्कूल बनाया जाना चाहिए। मुस्लिमों को मस्जिद नहीं बल्कि स्कूल की ज़रूरत है। उन्होंने कहा था,
“फ़ैसला आने के बाद जिस तरीके से शांति और सौहार्द्र कायम रही यह प्रशंसनीय है। अब इसे स्वीकार कीजिए… एक पुराना विवाद समाप्त हुआ। मैं तह-ए-दिल से इस फ़ैसले का स्वागत करता हूँ। मुस्लिमों को अब इसकी (अयोध्या विवाद) चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसकी जगह उनको बुनियादी समस्याओं की चर्चा करनी चाहिए और उसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। मैं ऐसी चर्चा इसलिए कर रहा हूँ कि हमें स्कूल और अस्पताल की ज़रूरत है। अयोध्या में मस्जिद के लिए मिलने वाली पाँच एकड़ जगह पर कॉलेज बने तो बेहतर होगा।”
पटकथा लेखक सलीम ख़ान के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर) जमीरउद्दीन शाह ने भी ऐसा ही कुछ कहा। अयोध्या फ़ैसले पर आधारित NDTV के एक चर्चा के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को दी जाने वाली ज़मीन पर स्कूल या अस्पताल का निर्माण क्यों नहीं कर लेना चाहिए? अयोध्या में पहले से ही पर्याप्त मस्जिदें हैं।
चर्चा के कार्यक्रम में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को स्वीकार करते हुए उसका स्वागत तो किया था, लेकिन कोर्ट के बाहर इस मसले को हल न कर पाने पर निराशा भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि पाँच एकड़ ज़मीन को स्वीकार करने में भले ही कुछ लोगों को दिक्कत हो रही है और वो कह रहे हैं कि उन्हें वो ज़मीन नहीं चाहिए। लेकिन उस ज़मीन को स्वीकार लेना चाहिए और उस पर मस्जिद की बजाय स्कूल या अस्पताल बनवा देना चाहिए।