दशहरे की हफ़्ते भर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सोमवार यानी आज से (14 अक्टूबर) अंतिम दौर की सुनवाई शुरू हो रही है। न्यायालय की संविधान पीठ 38वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी। इसके मद्देनज़र अयोध्या में धारा-144 लागू कर दी गई है और ज़िले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
Ayodhya District Magistrate, Anuj Kumar Jha: Decision to impose Section-144 also taken in consideration of upcoming festivals. https://t.co/LoQmPhPKMA
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2019
10 दिसंबर तक ज़िले में धारा-144 लागू रहेगी। इसका मतलब है कि दिवाली, चेहल्लुम और कार्तिक मेले के दौरान भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी। ज़िले में भारी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती का फ़ैसला भी लिया गया है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मध्यस्थता प्रक्रिया नाकाम होने के बाद मामले में 6 अगस्त से प्रतिदिन की सुनवाई शुरू की थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है।
पीठ ने इस मामले में न्यायालय की कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और दलीलें पेश करने के लिए 17 अक्टूबर की सीमा तय की है। पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नज़ीर शामिल हैं।
न्यायालय ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को अपना जवाब पूरा करने के लिए 16 अक्टूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। इस मामले में 17 नवंबर तक फ़ैसला सुनाए जाने की उम्मीद है।
अयोध्या फ़ैसले को लेकर ज़िला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। अयोध्या में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में फ़ोर्स की माँग की गई है जिसके लिए ज़िले के 200 स्कूलों को आरक्षित किया गया है, साथ ही स्कूलों की लिस्ट ज़िला प्रशासन को भेज दी गई है। बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के तमाम पक्षकार की आख़िरी दलील सुनना शुरू करेगा। मुस्लिम पक्ष आखिरी बार अपनी दलील पेश करेंगे। वहीं, अगले तीन दिन हिंदू पक्ष अपनी बात रखेंगे।