इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘अयोध्या फैसले का बदला’ लेने का एलान करने वाले मोहम्मद सगीर खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस देवेंद्र उपाध्याय और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने यह फैसला दिया। दरअसल, साल 2019 में अयोध्या राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला से पहले सगीर खान ने लिखा था, “यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक समुदाय के पक्ष में दिया जाता है तो मुसलमानों को इसके खिलाफ कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए और उन्हें अपने तरीके से बदला लेना चाहिए।”
न्यायाधीशों ने इस मामले में कहा, “प्रथम दृष्टया यह साबित नहीं हो पाया है कि आरोपित किसी मीटिंग में मुस्लिम युवाओं को गैर-कानूनी हरकत करने के लिए उकसा रहा था। इस आधार पर सगीर खान पर आईपीसी की धारा 124 A के तहत केस बनता नहीं दिख रहा।” इसके लिए जजों ने विनोद दुआ बनाम भारत सरकार केस में 2021 के सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का भी उल्लेख किया। अंतिम निष्कर्ष में कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया। अदालत ने सगीर खान को भी जाँच में सहयोग करने के लिए कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 27 अक्टूबर 2019 को दर्ज FIR दर्ज की गई थी। एफआईआर के अनुसार, आरोपित ने इस संदेश को व्हाट्सएप पर फ़ैलाने के लिए भी कहा था। साथ ही उसने कहा था कि इस सरकार से मुस्लिमों को कोई उम्मीद नहीं है। सगीर खान के ऊपर IPC की धारा 124-A, 153, 153-A, 153-B, 505 (1)(b)(c) के तहत केस दर्ज है। अदालत में आरोपित ने इन सभी आरोपों का खंडन किया। उसने बताया कि वह बेगुनाह है और राजनैतिक कारणों से उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है।
सगीर खान ने ये भी बताया कि उसने मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर रखी है। यह मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले का है। गौरतलब है कि इलाहबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में शरजील इमाम को CAA प्रदर्शन के दौरान AMU में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में जमानत दी थी। शरजील इमाम ने यह भाषण 16 दिसंबर 2019 को दिया था। तब अलीगढ़ पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह के तहत केस दर्ज किया था।