अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में शैक्षणिक व्यवस्था बाधित होने से आम छात्रों की चिंता बढ़ने लगी है। उन्होंने वाइस चांसलर से परीक्षाएँ करवाने की गुहार लगाई है। छात्रों के एक समूह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर यूनिवर्सिटी की गतिविधियॉं ठप कर रखी है। ये छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर धरना दे रहे हैं। दूसरी तरफ इनके दबाब में एएमयू इंतजािमयाँ द्वारा परीक्षाएँ निरस्त किए जाने से आम छात्र मायूस हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार परेशान छात्रों ने इंतजामियाँ पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि आंदोलनकारी छात्र कह रहे हैं कि सीएए के ख़िलाफ लड़ाई अपेक्षित परिणाम मिलने तक जारी रहनी चाहिए। लेकिन कब तक? परिणाम कब मिलेगा किसी को नहीं मालूम। कब तक इस आंदोलन के चलते यूनिवर्सिटी को बंद रहेगा। परीक्षाओं के साथ भी तो वे आंदोलन जारी रख सकते हैं। 250 से अधिक छात्र-छात्राओं ने कुलपति को मेल व मैसेज के जरिए अपनी परेशानी बताई है।
एएमयू के आम छात्र विश्वविद्यालय के बाबे सैयद गेट पर पिछले करीब 33 दिनों से सीएए के ख़िलाफ जारी धरने से परेशान हैं। 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद इसे 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद 13 जनवरी को विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोल दिया गया। लेकिन विश्वविद्यालय के खुलते ही आंदोलनकारी छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद एएमयू इंतजामियाँ ने आंदोलनकारी छात्रों के दवाब में आकर सभी कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया।
अब आलम यह है कि जो छात्र आगे होने वाली परीक्षाओं की चिंता लिए कक्षा करने जा रहे हैं, उन छात्रों को आंदोलनकारी छात्रों द्वारा जबरदस्ती बाहर निकाला जा रहा है। साथ ही आम छात्रों पर प्रोटेस्ट में शामिल होने का दवाब भी बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं शिक्षक भी आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए कक्षाएँ नहीं ले रहे हैं। इससे परेशान आम छात्रों का कहना है कि भविष्य में उनको कई प्रतियोगी परीक्षाएँ देनी है। वे ऐसे किसी आंदोलन का हिस्सा नहीं बनना चाहते, जिससे उनके भविष्य पर किसी भी तरह का असर हो।
आंदोलनकारी छात्रों ने शनिवार को CAA के विरोध में बैलून मार्च निकाला। हाथों में पुतला लिए छात्र बाबे सैयद गेट पर चल रहे धरने पर पहुँच गए और देखते ही देखते छात्रों ने वीसी और रजिस्ट्रार के पुतले को आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि एएमयू के इतिहास में पहली बार कुलपति के पुतले का दहन छात्रों द्वारा किया गया है। एएमयू प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा, “35 साल से अधिक समय से मैं एएमयू से जुड़ा हुआ हूँ। विरोध-प्रदर्शन तो बहुत हुए, लेकिन कुलपति का पुतला छात्रों ने कभी नहीं फूँका। इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।”
दरअसल एएमयू छात्र CAA विरोध के दौरान अलीगढ़ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से नाराज हैं। वीसी से छात्रों की नाराजगी इस बात से है कि पुलिस को कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति उन्होंने ही दी थी।