कुछ दिन पहले मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी एक एसयूवी खड़ी मिली थी। यह कार जिस मनसुख हिरेन की बताई जा रही थी, वह शुक्रवार (5 मार्च 2021) को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिले थे। इस मामले में ‘संयोगों’ पर सवाल उठ रहे हैं और हिरेन की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। लेकिन, यह अंबानी से जुड़ा पहला मामला नहीं जब केस की महत्वपूर्ण कड़ी की संदिग्ध मौत हुई हो। 2009 में हेलिकॉप्टर टेक्नीशियन भरत बोर्गे की संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। यह मामला अनिल अंबानी से जुड़ा था।
इस बीच मिडडे ने मनसुख के भाई विनोद हिरेन के हवाले से एक सनसनीखेज दावा किया है। इसके मुताबिक हत्या कर मनसुख को पानी में फेंका गया था। विनोद का दावा है यह बात उन्हें खुद पुलिस ने बताई है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने डूबने को मौत का कारण बताया और साथ ही ये भी कहा था कि पानी में फेंके जाने से पहले ही उन्हें मार डाला गया था।
इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि परिजनों ने मनसुख का शव लेने से इनकार कर दिया है। इसके मुताबिक परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इनकार करते हुए ऑटोप्सी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की माँग की है। यह भी कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका स्पष्ट जिक्र होना चाहिए कि हिरेन की मौत कैसे हुई। इसके बाद DCP (जोन 1) ने दावा किया कि उन्होंने परिजनों के घर जाकर रिपोर्ट में बताए गए मौत के कारण के बारे में समझाया है। मनसुख हिरेन गाड़ियों के पार्ट-पुर्जों की दुकान चलाते थे।
शुक्रवार को जब हिरेन की सुसाइड की खबरें सामने आई थी तो उनकी पत्नी विमला ने इसे खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके पति को क्राइम ब्रांच के किसी अधिकारी तावड़े का फोन आया था। उससे मिलने के लिए ही वे घर से निकले थे। उनके अनुसार जाँच के सिलसिले में यह मुलाकात घोड़बंदर में होनी थी। एंटीलिया के बाहर मिले कार को लेकर परिजनों का कहना है कि वह चोरी हो गई थी और इसकी रिपोर्ट भी लिखाई गई थी।
ये भी पता चला है कि मनसुख हिरेन ने मौत से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में कहा था कि पीड़ित होने के बावजूद उनके साथ आरोपित की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एक पत्रकार का नाम भी लिया था। उन्होंने कहा कि कि उनसे हिरासत में भी पूछताछ की गई, जिससे उनकी मानसिक प्रताड़ना हो रही है।
एक और बात याद करने लायक है कि आज से 12 वर्ष पहले मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के मामले में भी इसी तरह के ‘संयोग’ देखने को मिले थे। तब लगभग $15 बिलियन की संपत्ति के मालिक अनिल अंबानी भारत के शीर्ष कारोबारियों में गिने जाते थे। हालाँकि, अब उनकी संपत्ति इससे 10 गुना कम होकर $1.5 बिलियन रह गई है। तब उनका हैलिकॉप्टर क्रैश कराने की साजिश रची गई थी। उस मामले में भी जो व्यक्ति मुख्य कड़ी था, उसकी मौत हो गई थी।
SUV outside Ambani home: Autopsy report reserves opinion on cause of Mansukh Hiren’s death@Priyanka_Scribe @MumbaiPolice #MukeshAmbani https://t.co/oGX0QutTCN
— Free Press Journal (@fpjindia) March 7, 2021
अप्रैल 2009 में इस साजिश का खुलासा हुआ था। अनिल अंबानी की कंपनी द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के कुछ ही दिनों बाद हेलिकॉप्टर के टेक्नीशियन भरत बोर्गे की ट्रेन से कट कर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। हैलिकॉप्टर की देखरेख के लिए तैनात 2 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। मौत से पहले उक्त टेक्नीशियन ने एक पत्र लिखा था। साजिश का खुलासा होता, उससे पहले उसकी मौत हो गई।
अनिल अंबानी के हेलिकॉप्टर के पेट्रोल टैंक (फ्यूल टैंक) में पत्थर और रेत मिली थी। इससे उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर का इंजन बंद हो सकता था। उनका हैलिकॉप्टर क्रैश कराने की कोशिश थी। बता दें कि अनिल अंबानी के हेलिकॉप्टर की देखरेख का जिम्मा एयरवर्क्स इंजीनियरिंग को दिया गया था। पुलिस ने टेक्नीशियन की मौत को एक्सीडेंट करार दिया था। उसके पत्र के कंटेंट्स को लेकर भी कुछ खास साफ़ नहीं हुआ था।