दिल्ली दंगा मामले में पुलिस कॉन्स्टेबल पर पिस्टल तानने के आरोपित शाहरुख पठान की जमानत अर्जी को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि अभी आरोपित शाहरुख पठान को जमानत नहीं दी जा सकती है।
आरोपित शाहरुख पठान के मामले की पैरवी कर रहे वकील असगर खान ने जमानत याचिका में दावा किया है कि जेल में बड़ी संख्या में कैदी हैं और वहाँ कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम बहुत अधिक है।
अदालत की कार्यवाही के दौरान, दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि ये पठान ही था, जिसने इलाके में भीड़ का नेतृत्व किया था। उन्होंने यह कहते हुए जमानत न देने का आग्रह किया कि फिलहाल जाँच जारी है।
जमानत याचिका को खारिज करते हुए, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार मल्होत्रा ने कहा, “विरोध करने का अधिकार लोकतंत्र में एक मौलिक अधिकार है, लेकिन शांतिपूर्ण विरोध और सरकारी नीतियों की खुली आलोचना का अधिकार सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा डालने के लिए नहीं होता है।”
वकील असगर खान ने आरोपित के लिए जमानत की माँग करते हुए दलील दी कि इस संबंध में FIR दर्ज करने में दो दिन की देरी की गई।
असगर खान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जेल में रहना असुरक्षित है क्योंकि वहाँ भीड़ के कारण सामाजिक मेल जोल से दूरी का पालन करना संभव नहीं है। खान ने यह दावा करते हुए जमानत माँगी कि आरोपित के खिलाफ पहले से ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के विरोध में 23 और 24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे से ठीक पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा हुई थी। इस दौरान जाफराबाद-मौजपुर इलाके में लोगों को भड़काने और हलवदार पर पिस्तौल तानने के आरोपित शाहरुख को यूपी के शामली से 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
हिंसा के दौरान शाहरुख ने जाफराबाद इलाके में 8 राउंड फायरिंग की थी। उसके पास से एक पिस्तौल तथा दो कारतूस जब्त किए गए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में शाहरुख के घर से पिस्टल और तीन कारतूस बरामद किए थे।
शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे पनाह देने वाले 28 वर्षीय कलीम को भी शामली से पकड़ा। कलीम अतंरराष्ट्रीय स्तर का ड्रग तस्कर है। कलीम के अनुसार वो शाहरुख के साथ पिछले 2 साल से संपर्क में था। दोनों की मुलाकात दिल्ली के तिहाड़ में हुई थी। दोनों दिल्ली के तिहाड़ में बंद अपने अपने पिता से मिलने जाते थे। इसी बीच दोनों की बातचीत बढ़ी और दोनों एक-दूसरे के साथ संपर्क में रहने लगे।