Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजगायब धर्मेन्द्र की खोज में 7 दिन से भटकता पिता और रोती माँ: दिल्ली...

गायब धर्मेन्द्र की खोज में 7 दिन से भटकता पिता और रोती माँ: दिल्ली हिंदू विरोधी दंगा, बृजपुरी से ग्राउंड रिपोर्ट

"रात के करीब 8 बज चुके थे। ध्यान आया कि छोटा भाई अभी तक घर नहीं लौटा है। इसके बाद हम परिवार के लोग परेशान उसे ढूँढने के लिए निकल पड़े। देर रात तक हमें उसका कोई सुराग नहीं लग सका। आज 7 दिन बाद भी हम भटक ही रहे हैं।"

दिल्ली में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंदू विरोधी दंगे की आग सातवें दिन ठंडी तो पड़ गई, लेकिन इस हिंसा में पीड़ित लोगों की आँखों के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे। कोई अपनों के अंतिम दर्शन करने के इंतजार में आँसू बहा रहा है तो कोई अपनों के न मिलने के गम में। कुछ ऐसी ही कहानी है हिंदू विरोधी दंगों के बीच गायब हुए धर्मेंन्द्र वर्मा की। सात दिन से धर्मेंद्र के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

दिल्ली में चाँद बाग से शुरू हुई हिंदू विरोधी हिंसा के सात दिन बाद ऑपइंडिया की टीम दंगा पीड़ितों से मुलाकात करती हुई बृजपुरी पहुँची। कुछ हिंदू पीड़ित अपने घरों पर ताला लटकाकर जा चुके हैं तो शेष हिंदू पीड़ित अपने घरों में पिछले सात दिनों से डर के मारे कैद हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला सात दिन पहले दंगों के बीच गायब हुए धर्मेन्द्र के यहाँ। हिंदू बहुल इस इलाके की गली में सन्नाटा पसरा हुआ था। कुछ लोग जरूरी काम से ही घरों से निकलते दिखाई दे रहे थे। हम पूछताछ करते हुए दंगों के बीच गायब हुए धर्मेद्र वर्मा के यहाँ पहुँच गए। दरवाजे से आवाज देने के बाद ऊपर परिवार के कुछ सदस्य एक के बाद एक नीचे की ओर झाँके तो हमने उन्हें अपना परिचय देते हुए बात करने और घटना के संबंध में अधिक जानकारी लेने की इच्छा जताई।

परिवार के मौजूद सदस्य बेटे की चिंता में बदहवास माँ को पकड़कर सीढ़ियों से नीचे लेकर आते हैं, लेकिन वह कुछ भी बोलने में असमर्थ थीं। इसके बाद मौजूद बड़े भाई धीरेन्द्र वर्मा ने बताया, “मुस्लिम महिलाओं का सीएए के विरोध में बीते रविवार को ही धरना शुरू हो गया था। उसी दिन शाम करीब पाँच बजे छोटा भाई धर्मेन्द्र वर्मा बाहर घूमने की बात कहकर घर से निकल गया। देर शाम को जानकारी मिली कि जाफराबाद की ओर हिंसा शुरू हो गई है। रात के करीब आठ बज चुके थे, लेकिन ध्यान में आया कि छोटा भाई अभी तक घर नहीं लौटा है। इसके बाद हम परिवार के लोग परेशान उसे ढूँढने के लिए निकल पड़े। देर रात तक हमें उसका कोई सुराग नहीं लग सका।”

बड़े भाई धीरेन्द्र के मुताबिक अगले दिन सुबह से ही वो धर्मेन्द्र को खोजने निकड़ पड़े। इसी बीच सोमवार को इलाके में हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि उन्हें मजबूरन खाली हाथ अपने घरों को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने आस-पास जानने वाले और दूर रह रहे सगे-संबंधियों मे फोन करके पता किया। यहाँ तक कि उन्होंने जीटीबी अस्पताल में जाकर वहाँ घायल लोगों में और वहाँ रखे शवों में भी धर्मेन्द्र की पहचान की, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। घर में धर्मेंद्र की माँ और छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।

धीरेंद्र आगे बताते हैं, “सोमवार को बाहर का माहौल इतना खराब हो चुका था कि हम चाहकर भी नहीं निकल सकते थे। इतना ही नहीं हम तीन दिनों तक सभी भूखे-प्यासे, रोते-बिलखते अपने घरों में कैद रहे। थोड़ा माहौल शांत हुआ तो हमने पुलिस को लिखित में धर्मेन्द्र के ग़ायब होने की जानकारी दी। पुलिस ने हमें हर संभव मदद का भरोसा दिया, लेकिन आज सात दिन हो गए और धर्मेन्द्र का अभी तक कोई अता-पता नहीं चला है।”

वहीं आस-पास में खड़े लोगों ने बताया कि धर्मेन्द्र के ग़ायब होने के बाद उसकी माँ ने चार दिनों तक खाना नहीं खाया। तबियत ज्यादा खराब होने पर लोगों ने उनको जबरदस्ती खाना खिलाया है। इतना ही नहीं, धर्मेन्द्र की माँ को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। धीरेन्द्र ने बताया कि वो पूरे दिन माँ की देखभाल करते हैं, उनको संभालते हैं। जबकि धर्मेंद्र के पिता वीरसहाय हर रोज सुबह बिना कुछ खाए-पिए अपने बेटे को खोजने निकलते हैं, लेकिन देर रात हताश होकर खाली हाथ घर लौट आते हैं।

दरअसल बृजपुरी इलाके में रहने वाला 15 वर्षीय धर्मेन्द्र वर्मा (पुत्र वीरसहाय) अपने तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। परिवार की माली हालत खराब होने के कारण वो एक फैक्ट्री में पिछले कुछ दिनों से पढ़ाई छोड़कर काम सीखने के लिए जाता था। धर्मेन्द्र के पिता और उसके बड़े भाई धीरेन्द्र एक फैक्ट्री में मजदूर का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

हाथ काटा, पैर काटा, माँस के टुकड़े की तरह आग में फेंक दिया: मृतक दिलबर नेगी का विडियो वायरल

‘हिंदू इलाके में शांति मार्च… फिर मस्जिद में मीटिंग और 400 लीटर पेट्रोल से हमला’ – बुरे फँसे AAP विधायक हाजी युनूस

गोली से ज्यादा घातक गुलेल: मैक्सिमम तबाही के लिए हर 10-15 घरों के बाद एक छत पर लगा था यह हथियार

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsदिल्ली हिंदू विरोधी दंगा, नालों से मिले शव, दिल्ली नाला शव, दिल्ली मदरसा गुलेल, मदरसा गुलेल विडियो, शिव विहार, मुस्तफाबाद, अमर विहार, दिल्ली दंगे चश्मदीद, दिल्ली हिंसा चश्मदीद, दिल्ली हिंसा महिला, दिल्ली दंगों में कितने मरे, दिल्ली में कितने हिंदू मरे, मोहम्मद शाहरुख, जाफराबाद शाहरुख, शाहरुख फरार, ताहिर हुसैन आप, ताहिर हुसैन एफआईआर, ताहिर हुसैन अमानतुल्लाह, चांदबाग शिव मंदिर पर हमला, दिल्ली दंगा मंदिरों पर हमला, दिल्ली मंदिरों पर हमले, मंदिरों पर हमले, चांदबाग पुलिया, अरोड़ा फर्नीचर, ताहिर हुसैन के घर का तहखाना, अंकित शर्मा केजरीवाल, अंकित शर्मा ताहिर हुसैन, अंकित शर्मा का परिवार, दिल्ली शाहदरा, शाहदरा दिलबर सिंह, उत्तराखंड दिलवर सिंह, दिल्ली हिंसा में दिलवर सिंह की हत्या, रवीश कुमार मोहम्मद शाहरुख, रवीश कुमार अनुराग मिश्रा, रतनलाल, साइलेंट मार्च, यूथ अगेंस्ट जिहादी हिंसा, दिल्ली हिंसा एनडीटीवी, एनडीटीवी श्रीनिवासन जैन, एनडीटीवी रवीश कुमार, रवीश कुमार दिल्ली हिंसा, दिल्ली हिंसा में कितने मरे, दिल्ली दंगों में मरे, दिल्ली कितने हिंदू मरे, दिल्ली दंगों में आप की भूमिका, आप पार्षद ताहिर हुसैन, आप नेता ताहिर हुसैन, ताहिर हुसैन वीडियो, कपिल मिश्रा ताहिर हुसैन, आईबी कॉन्स्टेबल की हत्या, अंकित शर्मा की हत्या, चांदबाग अंकित शर्मा की हत्या, दिल्ली हिंसा विवेक, विवेक ड्रिल मशीन से छेद, विवेक जीटीबी अस्पताल, विवेक एक्सरे, दिल्ली हिंदू युवक की हत्या, दिल्ली विनोद की हत्या, दिल्ली ब्रहम्पुरी विनोद की हत्या, दिल्ली हिंसा अमित शाह, दिल्ली हिंसा केजरीवाल, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस रतनलाल, हेड कांस्टेबल रतनलाल, रतनलाल का परिवार, छत्तीसिंह पुरा नरसंहार, दिल्ली हिंसा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा, करावल नगर, जाफराबाद, मौजपुर, गोकलपुरी, शाहरुख, कांस्टेबल रतनलाल की मौत, दिल्ली में पथराव, दिल्ली में आगजनी, दिल्ली में फायरिंग, भजनपुरा, दिल्ली सीएए हिंसा

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -