एशियन गेम्स के लिए भारत के खिलाड़ी तैयारी में लगे हुए हैं। टूर्नामेंट के लिए भारत में हुए ट्रायल में महिलाओं के 53 किलो कैटेगरी में अंतिम पंघाल ने जीत दर्ज की है। शनिवार (22 जुलाई, 2023) को नई दिल्ली में हुए ट्रायल में उन्हें जीत मिली। उन्हें पहले राउंड में बाई मिला (अगले राउंड में एंट्री), लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर इस प्रतियोगिता में विजय हासिल की। अंतिम पंघाल की उम्र अभी मात्र 19 साल ही है।
अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन की जीत, फिर भी नहीं जाएँगे एशियन गेम्स में
वहीं दूसरी तरफ पुरुषों के 65 किलोग्राम वर्ग की बात करें तो इसमें ट्रायल में विशाल कालीरमन विजेता रहे। छत्रसाल स्टेडियम में हुए ट्रायल में वो अपने कैटेगरी में नंबर वन पर रहे। लेकिन, क्या आपको पता है कि इसके बावजूद इन दोनों खिलाड़ियों को भारत की तरफ से एशियन गेम्स में मौका नहीं मिलेगा? इसका कारण है कि पुरुषों के 56 किलोग्राम वर्ग में बजरंग पूनिया और महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में विनेश फोगाट को पहले ही एंट्री दी जा चुकी है।
यानी, इन दोनों खिलाड़ियों को बिना ट्रायल के ही एशियन गेम्स में खेलने भेजा जाएगा, क्योंकि ये IOA (इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन) की एड-हॉक कमिटी का निर्णय है। अतः, अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन जीत के बाद भी स्टैंडबाई मोड में ही रहेंगे एशियन गेम्स के लिए। अब अंतिम पंघाल ने पूछा है कि एक स्वच्छ और तय प्रक्रिया के तहत उनकी जीत हुई है, ऐसे में फिर भी वो स्टैंडबाई बन कर क्यों रहे? अंतिम पंघाल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का ऐलान किया है।
Antim Panghal and Vishal Kaliraman families stage protest against IOA and ad hoc committee at the Olympic Bhawan.#AsianGames2023 #AsianGames #AntimPanghal #VineshPhogat #BajrangPunia pic.twitter.com/WQoOsrPnhO
— nnis (@nnis_sports) July 21, 2023
उन्होंने कहा, “अगर विनेश फोगाट को इसी तरह डायरेक्ट एंट्री मिलती रही, लोगों को आखिर पता कैसे चलेगा कि हम दूसरे पहलवान कितने अच्छे हैं? हमलोग अपना प्रयास जारी रखेंगे। ये मेरे कोच का निर्णय होगा कि मैं आगे क्या करूँगी, लेकिन मेरी लड़ाई जारी रहेगी। 3 बाउट जीतने का क्या फायदा हुआ? मुझे पता है विनेश बहुत अच्छा खेलती हैं और उनके पास बहुत मेडल हैं, लेकिन उन्हें ट्रायल में हमलोगों के साथ खेलना चाहिए।” पहलवानों के परिवारों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल में छूट
बता दें कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को IOA द्वारा ट्रायल से छूट देते हुए एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री दी, जिसके बाद अन्य पहलवानों ने इसका विरोध किया था। मामला हाईकोर्ट भी गया, लेकिन वहाँ से भी पहलवानों को निराशा ही हाथ लगी। याचिका रद्द करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस फैसले को तर्कविरुद्ध या अव्यवहारिक नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि देश के हित के विरोध में ये फैसला लिया गया है, या फिर किसी को फेवर देने के लिए ये फैसला लिया गया।
ओलंपिक मेडल विजेता योगेश्वर दत्त ने भी इस फैसले के बाद विरोध जताते हुए कहा था कि पूरा देश कन्फ्यूज है कि ये हो क्या रहा है। उन्होंने कहा था, “चीफ कोच से मैंने बात कि उन्होंने कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। कमिटी में कुछ लोग हैं, जिन्होंने ये फैसला लिया है। चीफ कोच की सहमति के बिना फैसले लिए नहीं जा सकते। कोई कैम्प लगा कर फिटनेस टेस्ट भी नहीं लिया गया। कई पहलवान दुःख में हैं, वो ट्रायल के लिए गुहार लगा रहे हैं। कमिटी ने कोई निष्पक्षता नहीं बरती है। अगर बिना ट्रायल भेजना है तो पूरी टीम भेजिए।”