बिहार (Bihar) के अररिया में 6 साल की बच्ची से रेप (Rape) करने वाले 48 वर्षीय आरोपित मोहम्मद मेजर को अररिया के अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश सह POCSO कोर्ट जज शशिकांत राय ने गुरुवार (27 जनवरी 2022) को फाँसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 3(2) (V) एससी/एसटी एक्ट के तहत आजीवन सश्रम करावास व 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं, अगर आरोपित जुर्माना नहीं देता है तो उसे 10 दिन की अतिरिक्त सजा होगी।
इसके साथ ही अदालत ने डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को भी पीड़िता को 10 लाख रुपए का हर्जाना ‘पीड़ित क्षतिपूर्ति निधि’ से देने का आदेश दिया है। बड़ी बात यह है कि इस तरह के बर्बर अपराध के मामले में महज चार दिन के फास्ट ट्रायल के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। बच्ची से रेप के आरोपित के खिलाफ पुलिस ने 12 जनवरी को चार्जशीट फाइल की थी, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपित के खिलाफ 20 जनवरी 2022 को आरोप तय कर दिया। कोर्ट ने यह फैसला केस दर्ज किए जाने के करीब 56 दिन बाद ही सुना दिया।
अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान बलात्कार के आरोपित की पैरवी कर रहे वकील मोहम्मद नौशाद ने कोर्ट से मुजरिम को कम सजा देने की माँग की। हालाँकि, पीड़िता के वकील श्याम लाल ने आरोपित को अधिकतम सजा सुनाने की गुहार लगाई। वहीं कोर्ट ने भी इस गुनाह को निकृष्टतम मानते हुए अपना फैसला सुनाया।
क्या है मामला
बच्ची से रेप का यह केस 1 दिसंबर 2021 को सामने आया था। पुलिस स्टेशन में पीड़िता की माँ ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना वाले दिन वह खाना बना रही थी और उसकी बेटी घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान वह अचानक से गायब हो गई। बाद में रात के करीब 10 बजे बच्ची रोते हुए घर आई। उसने अपनी माँ को बताया कि मोहम्मद मेजर ने उससे मैदान जाने के लिए एक डिब्बा पानी माँगा था, लेकिन जब उसे डिब्बे में पानी दिया तो उसने उसे वहीं पर फेंक दिया। इसके बाद आरोपित पीड़ित बच्ची को घसीटते हुए खेत में ले गया और उसके साथ रेप किया।
आरोपित मोहम्मद मेजर दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उसका एक भाई मुखिया भी रह चुका है। घटना को अंजाम देने के बाद वह पीड़िता के परिवार को धमकी देता था। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने दबिश देनी शुरू की थी तो वह नेपाल भागने की कोशिश में लग गया। पुलिस ने उससे पहले ही 13 जनवरी को दिल्ली के चाँदनी चौक से मोहम्मद मेजर को गिरफ्तार कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस शशिकांत राय दो अन्य मामलों में एक ही दिन में सुनवाई के बाद उम्रकैद की सजा सुनाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना चुके हैं।