बांग्लादेश की सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्य असम के पुलिस महानिदेशक ज्योति महंता (Assam DGP Jyoti Mahanta) ने राज्य के विभिन्न इस्लामी संस्थाओं के प्रमुखों से मुलाकात की और आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मौलवी के रूप में आतंकी राज्य में छिपे हैं और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
बात दें पिछले कुछ सप्ताहों में पुलिस ने अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े कई आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये आतंकियों मस्जिदों एवं मदरसों में इमाम या मौलवी के रूप में काम कर रहे थे।
सबसे हालिया गिरफ्तारी बुधवार (31 अगस्त 2022) को अजमल हुसैन नाम के आतंकी की हुई थी। उसे राजधानी गुवाहाटी से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अजमल एक मदरसे में मौलवी थी, लेकिन अलकायदा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के लिए काम कर रहा था।
डीजीपी ने कहा कि राज्य में कुछ आतंकी मौलवी और इमाम के वेश के छिपे हुए हैं और अपनी देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है, जिसमें अब तक 38 आतंकियों की गिरफ्तारी की गई है।
डीजीपी महंता ने कहा, “आज हमने राज्य के इस्लामी संस्थाओं के प्रमुखों से मुलाकात की। उनके सहयोग के बिना हम AQIS और ABT के मॉड्यूल का भंडाफोड़ नहीं कर सकते। हमने उनसे सहयोग और समर्थन माँगा है और उन्होंने भरोसा दिया है।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों राज्य की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने राज्य के तीन मदरसों को ध्वस्त कर दिया था। इन मदरसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के केंद्र रूप में होता था। इन मदरसों से जुड़े कई मौलवियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सीएम सरमा ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि राज्य के जिस भी संस्थानों में शिक्षा के नाम पर आतंकी और जेहादी गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा, उसे वे तोड़ देेंगे। उन्होंने इसके पहले कहा था कि कई मदरसे आतंक का हब बन गए हैं। वहाँ पढ़ाई के बदले आतंकियों की ट्रेनिंग होती है।