Sunday, October 6, 2024
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‘देश विरोधी साजिश का पता चला तो मदरसे को गिरा दूँगा’: जिहादी तत्वों को असम के CM की दो टूक, ध्वस्त हो चुके हैं 3 मदरसे

उन्होंने कहा, "अगर हमें कोई विशेष जानकारी मिलती है कि मदरसे की आड़ में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए संस्थान का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो हम उन्हें तोड़ देंगे।"

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा अक्सर अपने बेबाक निर्णयों के कारण चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि कई मदरसे आतंक का हब हैं वहाँ पढ़ाई के बदले आतंकियों की ट्रेनिंग होती हैं। वहीं अब सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने एक बयान में कहा कि मदरसों की आड़ में देश विरोधी गतिविधि करने वाले संस्थान तोड़े जाएँगे।

असम में आतंकी कनेक्शन के कारण हाल के दिनों में 3 मदरसे ध्वस्त किए जा चुके हैं। गुरुवार (1 सितंबर, 2022) को सीएम हिमंत बिस्वा सरमा मीडिया को बताया कि मदरसों को ध्वस्त करने का हमारा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल यह स्पष्ट है कि मदरसों का इस्तेमाल जिहादी तत्वों द्वारा नहीं किया जाए। उन्होंने कहा, “अगर हमें कोई विशेष जानकारी मिलती है कि मदरसे की आड़ में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए संस्थान का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो हम उन्हें तोड़ देंगे।”

वहीं असम में बुधवार (31 अगस्त, 2022) को बोंगाईगाँव में मदरसे को आतंकवादी संगठन अलकायदा से संबंधों के कारण गिरा दिया गया था। बताया यह भी जा रहा है कि इस कार्रवाई का संबंध बीते दिनों राज्य के अलग-अलग इलाकों से पकड़े गए अलकायदा के आतंकियों से भी हैं। इससे पहले असम के बरपेटा जिले में एक निजी मदरसे को गिरा दिया था।

हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल में मदरसों को आतंकियों का हब बताया

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल में दिए एक बयान में मदरसों को आतंकियों का हब कह दिया था। सीएम ने कहा कि मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि इन मदरसों में शिक्षा की बजाए आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है। सीएम सरमा ने कहा कि असम में अब तक ऐसे तीन मदरसों को गिराया जा चुका है।

इससे पहले भी 23 मई, 2022 को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि देश में जब तक मदरसे रहेंगे, तब तक बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने के बारे में नहीं सोच पाएँगे। सीएम हिमंता के मुताबिक, अगर आप बच्चों को धर्म से जुड़ी शिक्षा देना चाहते हैं तो घर पर दें, उसके लिए मदरसे का होना जरूरी नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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