असम पुलिस ने शनिवार (31 अगस्त) को अल्ताप हुसैन नाम के एक युवा गायक को हिरासत में ले लिया। धुबरी जिले का रहने वाला अल्ताप हुसैन अपने गीतों के माध्यम से स्थानीय समुदायों में शत्रुता भड़काने का काम कर रहा था। उसके गीत के बोल एथुन बाबू और मौसमी के बांग्लादेशी विरोध गीत ‘देश ता तोमर बापर नाकी’ से मिलते-जुलते हैं। उसके इस गीत को सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है।
यह घटना नागाँव जिले में तीन मुस्लिम युवकों द्वारा हाल ही में एक नाबालिग लड़की से रेप के बाद ‘मियाँ’ और स्थानीय समुदायों के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है। गौरीपुर थाने के ओसी जे बैश्य ने कहा, “उसके खिलाफ गौरीपुर थाने में बीएनएस की धारा 196/299 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आज हमने अल्ताप को हिरासत में लिया है।” सूत्रों का कहना है कि उसे जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अंग्रेजी मीडिया हाउस टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गायक अल्ताप पर भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) की धारा 196/299 के तहत ‘धर्म और जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ और ‘किसी भी वर्ग, धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करने’ का आरोप लगाया
अल्पताप हुसैन का यह गाना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए लाखों लोगों तक पहुँच चुका है। इस गाने में ‘मियाँ’ (ऐसे मुस्लिम, जो बांग्लादेश से आकर असम में असम में बसे हैं) को निशाना बनाए जाने को चुनौती दी गई है। इन गानों के हिंदी बोल हैं- ‘क्या असम तुम्हारे बाप की ज़मीन है जो तुम हमेशा मियाँ को भगाना चाहते हो?’ और ‘हर कोई अपराध करता है लेकिन तुम सिर्फ़ मियाँ में ही दोष ढूंढ़ते हो।’ है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वे पक्षपात के आरोपों के बावजूद ‘मियाँ’ को राज्य पर कब्ज़ा नहीं करने देंगे। विधानसभा में बोलते हुए सरमा ने अपराध दर और नागाँव में 14 वर्षीय लड़की के साथ हाल ही में हुए सामूहिक बलात्कार पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ़ अपराधों पर ‘शून्य-सहिष्णुता’ की नीति पर जोर दिया और अपराधियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई का वादा किया।
गैंगरेप के बाद मियाँ के खिलाफ प्रदर्शन
दरअसल, असम के ढिंग में 22 अगस्त 2024 को कक्षा 8 में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था। इस गैंगरेप का आरोप मुस्लिम समुदाय के 3 लोगों पर लगा था। इस घटना के बाद राज्य भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे और लोगों ने मियाँ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। प्रदर्शन में शामिल कई संगठनों ने मियाँ को ऊपरी असम खाली कर देने का अल्टीमेटम दिया था।
प्रदर्शनकारियों ने मियाँ को समाज के लिए नासूर बताया था और उन्हें 7 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए इलाका छोड़ने के लिए कहा था। ताई अहोम युवा परिषद नाम के संगठन ने कहा, “पूरी घटना मियाँ मुस्लिमों द्वारा की गई है। मियाँ अब असम के लिए नासूर बन गए हैं। निचले असम में भी कई मियाँ हैं। वे बलात्कार, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं। इनसे लोग बेहद परेशान हैं।”
वहीं, असम से कॉन्ग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल द्वारा मियाँ को निकालने का ऐलान कर रहे संगठनों को चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी ऊपरी असम से मियाँ को नहीं निकाल पाएँगे। ढिंग की घटना की निंदा करते हुए अब्दुर रशीद ने आगे कहा कि कुछ लोगों की गलती के लिए सबको दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मियाँ असम के विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं।