Monday, September 9, 2024
Homeदेश-समाजमरने से पहले पायजामा में ही हगने-मूतने लगा था माफिया अतीक अहमद, न्यायिक आयोग...

मरने से पहले पायजामा में ही हगने-मूतने लगा था माफिया अतीक अहमद, न्यायिक आयोग की रिपोर्ट से खुलासा: पुलिस को क्लीनचिट, मीडिया की भूमिका पर उठाए सवाल

न्यायिक आयोग में कहा गया है कि इस घटना में पुलिस की कोई संलिप्तता नहीं है और ना ही यह पुलिस के इशारे पर की गई थी। न्यायिक आयोग ने बताया है कि यह घटना पूर्व नियोजित भी नहीं थी। आयोग ने कहा है कि यह घटना रोकी नहीं जा सकती थी।

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश प्रयागराज के एक अस्पताल के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना मीडिया के कैमरों के सामने हुई थी। इस घटना को लेकर कई प्रश्न उठे थे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जाँच एक पाँच सदस्यीय न्यायिक आयोग को सौंपी थी। इस न्यायिक आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बी भोंसले को सौंपी गई थी। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश की।

न्यायिक आयोग ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही नहीं पाई है। आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दी है। इसके अलावा न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में अतीक अहमद के स्वास्थ्य के विषय में भी बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अतीक अहमद कई बार अपनी पैंट (पायजामा) गंदी कर रहा था। इसके अलावा रिपोर्ट में मीडिया के रोल पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। यह पूरी रिपोर्ट ऑपइंडिया के पास मौजूद है।

न्यायिक आयोग में कहा गया है कि इस घटना में पुलिस की कोई संलिप्तता नहीं है और ना ही यह पुलिस के इशारे पर की गई थी। न्यायिक आयोग ने बताया है कि यह घटना पूर्व नियोजित भी नहीं थी। आयोग ने कहा है कि यह घटना रोकी नहीं जा सकती थी।

आयोग ने यह भी बताया है कि पुलिस ने अतीक और अशरफ और को अस्पताल लाने में भी सावधानी बरती थी। अतीक और अशरफ की हत्या के दौरान पुलिस ने जिस तरह प्रतिक्रिया दी और जो कार्रवाई की, उसे गलत नहीं माना है। आयोग ने कहा कि घटना 9 सेकंड में पूरी हो गई और ऐसे में पुलिस ने तीनों हमलावरों पर गोली नहीं चलाई और यह सही था।

अपनी जाँच में आयोग ने कुल मिलाकर पुलिस को सही पाया है। इसके अलावा हत्या के पहले अतीक के स्वास्थ्य के बारे में भी आयोग की रिपोर्ट में खुलासे हुए हैं। आयोग को पुलिस ने बताया है कि अतीक लगातार घटना से पहले साँस और पेट की बीमारी से ग्रसित था।

अतीक ने घटना से एक दिन पहले 14 अप्रैल, 2024 को अपनी पैंट में ही शौच कर दी थी। इसके बाद डॉक्टर को बुला कर भी अतीक और अशरफ की जाँच करवाई गई थी। 14 अप्रैल, 2024 को अतीक को अस्पताल भी ले जाया गया था और यहाँ से रास्ते में लौटते वक्त अतीक ने अपनी पैंट में ही दोबारा शौच कर दी थी।

न्यायिक आयोग की जाँच रिपोर्ट का वह हिस्सा, जिसमें अतीक अहमद के बार-बार पैंट गन्दी करने की बात कही गई है।
न्यायिक आयोग की जाँच रिपोर्ट का वह हिस्सा, जिसमें अतीक अहमद के बार-बार पैंट गन्दी करने की बात कही गई है।

अतीक को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर थी। वह लगातार कई बार अपनी पैंट गंदी कर रहा था। इस बात की सूचना उसके साथ रहने वाले पुलिस कर्मियों ने अपने उच्चाधिकारियों को दी थी। आयोग ने इस हमले के दौरान मीडिया की भूमिका पर प्रश्न उठाए हैं।

आयोग ने कहा है कि आतीक और अशरफ की बाईट लेने के लिए चक्कर में मीडिया द्वारा आत्मसंयम का परिचय नहीं दिया गया। इसके अलावा मीडिया की फ़्लैशलाईट के कारण अतीक और अशरफ की सुरक्षा में मौजूद पुलिस वाले कुछ भी देख नहीं पा रहे थे। इसी दौरान हमला हुआ। आयोग ने कहा कि इस मामले में मीडिया की भूमिका संतोषजनक नहीं रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अर्पित त्रिपाठी
अर्पित त्रिपाठीhttps://hindi.opindia.com/
अवध से बाहर निकला यात्री...

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कोलकाता के अस्पताल में डॉक्टर की रेप के बाद कर दी हत्या, पर बंगाल पुलिस सबूत दबाने में लगी रही: पीड़ित परिजनों का दावा,...

पिता ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "कृपया मेरे साथ तब तक रहें जब तक कोई सॉल्यूशन न निकले। आपकी आवाजें हमें मजबूत करती हैं। आप घटना के बाद बिखर गए थे।"

पप्पू नहीं हैं राहुल गाँधी, इतनी ‘गहरी सोच’ कि कई बार समझना मुश्किल होता है: अब सैम पित्रोदा को कॉन्ग्रेस नेता में ‘रणनीतिकार’ दिखे,...

सैम पित्रौदा और स्वरा भास्कर के बयानों में इस्तेमाल किए गए 'पप्पू' शब्दों के कारण राहुल गाँधी की तारीफ की जगह उनका और भी मखौल उड़ता है। लोग कहते हैं कि कॉन्ग्रेसी भी यही मानते हैं इसलिए बचाव करते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -