Sunday, November 17, 2024
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500 साल बाद चाँदी के पालने में झूलेंगे रामलला, गर्भगृह को सोने से बनाने की उठी माँग: PM मोदी को लिखा गया पत्र

इस बार के सावन मेला में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को चाँदी के पालने पर झुलाने का फैसला लिया है। ऐसा 500 साल बाद हो रहा है। बता दें कि यह मेला सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से शुरू होकर 12 दिन तक चलता है।

रामनगरी में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के मंदिर को भव्यतम रूप देने की माँग उठ रही है। नींव के निर्माण का 60% काम पूरा हो चुका है। इस बार यहाँ 11 अगस्त से शुरू हो रहे सावन मेले को भी खास बनाने की तैयारी की जा रही है। दैनिक भास्कर ने इस पर एक ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें लेखक रमेश मिश्र ने बताया कि इस बार के सावन मेला में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला को चाँदी के पालने पर झुलाने का फैसला लिया है। ऐसा 500 साल बाद हो रहा है। बता दें कि यह मेला सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से शुरू होकर 12 दिन तक चलता है।

500 वर्षों के बाद भगवान रामलला का मंदिर निर्माण हो रहा है और यह जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मिली है। जिसके लिए देश के करोड़ों राम भक्तों ने सहयोग राशि समर्पित कर रहे हैं। ऐसे में देश का हर राम भक्त चाहता है कि विश्व का सबसे सुंदर व भव्य मंदिर बने। जिसको लेकर अब श्री रामलला के गर्भगृह को सोने से सजाए जाने की माँग किया गया है।

राम जन्मभूमि पर श्री रामलला के मंदिर में गर्भगृह को सोने से बनाए जाने की माँग को लेकर बाबरी विध्वंस के आरोपित संतोष दुबे और शिवसेना पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमे कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राण गँवाए हैं। जिसमे बाद अब यह मधुर बेला आया है। इसलिए देश के राम भक्तों की मंशा के अनुरूप बनाया जाए।

संतोष दुबे ने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहा राम मंदिर लाखों लोगों के बलिदान का परिणाम है। राम मंदिर आंदोलन में लाखों लोगों ने अपने प्राण गँवाए और कई विकलांग हुए। बड़ी संख्या में माँ बहनों के सुहाग उजड़ गए। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद यह शुभ अवसर आया है कि भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। दुबे का कहना है कि राम मंदिर के भूमि पूजन को 5 अगस्त को एक साल पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री को उसी दिन सोने का गर्भगृह बनाने का ऐलान कर देना चाहिए।

बताया जा रहा है कि 15 सितंबर के पहले मंदिर के लिए बुनियाद भरे जाने का काम पूरा हो जाएगा। वहीं 2023 में मंदिर निर्माण का काम पूरा होगा। राम मंदिर निर्माण के लिए बुनियाद भरी जा रही है। बुनियाद की मोटाई करीब 1 इंच तक 44 परतों की भरी जानी है। इसमें अभी तक 25 परतों की भराई हो चुकी है। ये बुनियाद भरने का काम 15 सितंबर तक राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा कारदायी संस्था को सौंपी गई है।

संस्था के अधिकारी 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में मंदिर की बुनियाद का निर्माण कार्य करवा रहे है। जिसके चलते मंदिर निर्माण के लिए अक्टूबर माह से मंदिर के बेस का निर्माण होगा। इसमें मिर्जापुर के बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट स्टोन का उपयोग किया जाना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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