अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर हमला करने के दोषी 4 आतंकियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। ये सभी दोषी पिछले 18 वर्षों से जेल में बंद थे और ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा काट रहे थे।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर 5 जुलाई 2005 को आतंकी हमला हुआ था। इसमें पाँच आतंकी तुरंत मारे गए थे, जबकि 1 नागरिक की भी मौत हो गई थी। ये सभी इस्लामी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे।
जिन दोषियों को जमानत दी गई है, उनका पता मारे गए आतंकियों के फोन से मिला था। उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड ने मोबाइल फोन के IMEI नम्बर से इनके बारे में जानकारी जुटाई थी। इसके बाद कोर्ट ने इन लोगों को साजिश रचने का दोषी पाया था।
इन चारों दोषियों को न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद अफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने जमानत दी। जमानत पाने वाले व्यक्तियों के नाम शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल और इरफ़ान हैं। ये वर्ष 2005 से ही जेल में बंद हैं।
कोर्ट ने इन दोषियों को सप्ताह में एक बार स्थानीय थाने में हाजिरी लगाने और जुर्माने की राशि जमा कराने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि इनमें से किसी के पास पासपोर्ट है तो उन्हें जमा करवा दिया जाए, ताकि कोई देश छोड़कर भाग ना सके।
दोषियों के वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि इन चारों के विरुद्ध पहले से कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं था और जब से यह केस चालू हुआ है, तब से वे 18 वर्ष पहले ही जेल में काट चुके हैं। अब इनकी अपील सुनने में और देरी होगी, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। हालाँकि, पुलिस के वकील ने इसका विरोध किया।