सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई का आज (सितंबर 26, 2019) 32वाँ दिन है। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की 32वें दिन की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि इस मामले से जुड़े सभी पक्ष 18 अक्टूबर तक अपनी दलीलें खत्म करें। इसके बाद एक दिन का भी अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से कहा कि आज का दिन मिलाकर 18 अक्टूबर तक हमारे पास साढ़े 10 दिन हैं। उन्होंने इस मामले पर 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने का आदेश दिया है। सीजेई के मुताबिक अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर चार हफ्ते के अंदर कोई फैसला लेना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आगाह करते हुए कहा कि अगर 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी नहीं होती है, तो फैसला आने की उम्मीदें कम हो जाएँगी।
Ayodhya land dispute case: Supreme Court said that it cannot give an extra day after October 18 for parties to complete their submissions in the case. Today is the 32nd day of hearing in the case. pic.twitter.com/Bj7H67fXrO
— ANI (@ANI) September 26, 2019
बता दें कि सीजेआई रंजन गोगई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इम मामले में फैसला जल्द आएगा। इससे पहले भी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस बात पर टिप्पणी कर चुके हैं कि सभी पक्षों को कोशिश करनी चाहिए कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सके। क्योंकि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को एक महीने का वक्त इस मसले का फैसला लिखने के लिए चाहिए।
दरअसल, संविधान पीठ ने हिंदू पक्षकार और मुस्लिम पक्षकार को बहस के लिए समयसीमा तय कर दी थी। कोर्ट के अनुसार, ज्यादातर दलीलें 4 अक्टूबर तक पूरी हो जाएँगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दशहरा की छुट्टियाँ हो जाएँगी। कोर्ट 14 अक्टूबर को फिर खुलेगा। ऐसे में कोर्ट के पास सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक 5 दिन और बचेंगे।