राम मंदिर आंदोलन में दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका को कोई नहीं भूल सकता। सोशल मीडिया पर बाबरी मस्जिद विध्वंस की 28वीं वर्षगाँठ पर प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान दिया गया उनका आइकॉनिक भाषण काफी वायरल हो रहा है।
1990 में सोमनाथ से शुरू हुए प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान, आडवाणी ने बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव सहित उन सभी लोगों पर तीखा हमला किया, जिन्होंने प्रसिद्ध रथ यात्रा को रोकने की पूरी कोशिश की थी।
आडवाणी ने रथ यात्रा के दौरान अपने एक भाषण में कहा था, लोग कहते है कि आप अदालत का फैसला क्यों नहीं मानते? अदालत क्या इस बात का फैसला करेगी कि यहाँ श्री राम का जन्म हुआ था कि नहीं हुआ था?” नेताओं से रथयात्रा को नहीं रोकने का आग्रह करते हुए आडवाणी ने कहा था, “आप से तो इतनी ही आशा है कि बीच में मत पड़ो। रास्ते मे मत आओ। क्योंकि यह जो रथ है, लोकरथ है। जनता का रथ है।” आडवाणी ने उस वक़्त कहा था, “मंदिर वहीं बनाएँगे। उसको कौन रोकेगा। कौन सी सरकार रोकने वाली है?”
बता दें राम मंदिर निर्माण को लेकर समर्थन जुटाने के लिए आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की, जिसे विभिन्न राज्यों से होते हुए 30 अक्तूबर को अयोध्या पहुँचना था। हालाँकि इस दौरान यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया। देश के कई हिस्सों में काफी हिंसा हुई। बिहार पहुँचने के बाद आडवाणी को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर 23 अक्टूबर को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।
2 साल के भीतर भव्य राम मंदिर होगा जाएगा तैयार
6 दिसंबर, 1992 को अचानक से हुई एक घटना में कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढाँचे को ध्वस्त कर दिया था। वहीं सालों से चल रहा भूमि विवाद आखिरकार 9 नवंबर, 2019 को समाप्त हुआ, जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने रामलला के पक्ष में निर्णय दिया और राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दे दी। 5 अगस्त, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर का शिलान्यास किया गया। उम्मीद है कि 2 साल के भीतर भव्य रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
लाखों लोगों का संघर्ष कि ‘मंदिर वहीं बनाएँगे’ से ‘मंदिर वहीं बन रहा है’ पूरा हो रहा है।