अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले रामलला अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किए जाएँगे। इसको लेकर काफी समय से अटकलें लगाई जा रही थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शनिवार को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने बताया कि रामलला को वर्तमान टेंट वाले स्थान से अस्थायी मंदिर में 24 मार्च को शिफ्ट किया जाएगा।
श्रद्धालु 25 मार्च यानी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से अस्थायी मंदिर में ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि अस्थायी मंदिर का ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। यह गर्भ गृह से 150 मीटर की दूरी पर होगा। फाइबर से बना अस्थायी मंदिर बुलेटप्रूफ होगा। इस बार रामनवमी के दिन फाइबर के बने इस अस्थायी मंदिर मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन करेंगे।
खबरों के अनुसार रामलला मंदिर और रामभक्तों की सुरक्षा को और सख्त किया जाएगा। रामभक्तों की सुविधा का भी ख्याल रखते हुए ऐसे मार्ग बनाए जाने की योजना है जिससे दर्शन मार्ग को छोटा किया जा सके। चंपत राय ने बताया, “सुरक्षा विभाग नए स्थान का विकास कर रहा है। कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट सभी कार्यों को देख रहे हैं। एक नए स्थान पर भगवान आएँगे तो उस स्थान और वहाँ देवताओं को भी प्रसन्न करना होगा। 25 मार्च यानी प्रथम नवरात्र से भक्तों के दर्शन भगवान के नए आसन पर हों, इसको लेकर तैयारी कर रहे हैं। अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे। मंदिर इतना मजबूत होगा कि हथौड़े से भी नहीं तोड़ पाना संभव नहीं होगा। अब तक भक्तों को दर्शन 50 फीट की दूरी से हो रहे थे। नए आसन पर भगवान के विराजने के बाद दूरी कम होगी।”
इसके पहले ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए कार्यालय स्थल फाइनल किया। ट्रस्ट का कार्यालय राम कचहरी मंदिर में खोला जाएगा। राय के साथ जिलाधिकारी अनुज झा ने शनिवार को इस कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद राय ने यह भी बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक रामनवमी के बाद 4 अप्रैल को अयोध्या में ही होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 नवंबर को रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद केंद्र सरकार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया था। अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास तथा महासचिव विहिप के चंपत राय को बनाया गया था।
इस ट्रस्ट के मंदिर निर्माण विभाग के प्रमुख बनाए गए नृपेंद्र मिश्रा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। मंदिर निर्माण से संबंधित तैयारियों के सिलसिले में 20 फरवरी को वे अयोध्या पहुँचे थे। मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लेने के बाद नृपेंद्र मिश्रा का यह पहला अयोध्या दौरा था, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी।