Friday, November 22, 2024
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अयोध्या ट्रेन कांड में मारा गया अनीस और घायल आजाद खान ने नाबालिग हिंदू लड़कियों का किया था ब्रेनवॉश, फिर धर्मांतरण कर निकाह: सुनिए गाँव-घर वालों की दर्दभरी कहानी

गाँव की ही एक दलित महिला ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर हमें बताया कि उसके गाँव में कई हिन्दू महिलाएँ मुस्लिमों के घर में निकाह करके आई है। ये लड़कियाँ दिल्ली और बिहार सहित दूसरे प्रदेशों की हैं। गाँव के ही लगभग 20 साल पुराने एक केस की याद दिलाते हुए एक अन्य महिला ने हमें बताया कि तब किसी हिन्दू लड़की से निकाह में मौलवी बाबा का नाम सामने आया था।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में 30 अगस्त 2023 को एक महिला कॉन्स्टेबल पर ट्रेन में हमला हुआ था। आरोप है कि अनीस, आज़ाद और विशम्भर ने पहले महिला सिपाही के साथ छेड़खानी का प्रयास किया और विरोध करने पर बेरहमी से पिटाई की। इस मामले में पुलिस ने शुक्रवार (22 सितंबर 2023) को मुख्य आरोपित अनीश को मार गिराया है।

वहीं, आज़ाद और विशम्भर इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। यह घटना अनीस और आज़ाद की पहली वारदात नहीं थी। इनके गुनाहों की परतों को खोलने के लिए ऑपइंडिया की टीम ने अनीस और आज़ाद के गाँव तथा मुठभेड़ स्थल का दौरा किया। इस दौरे में हमने पाया कि दोनों आरोपितों का न सिर्फ आपराधिक इतिहास बेहद लम्बा है, बल्कि इन पर ग्रूमिंग जिहाद और दलित उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी हैं।

अनीश और आज़ाद खान ने किए हिन्दू लड़कियों से निकाह

ऑपइंडिया की टीम अयोध्या के हैदरगंज थाना क्षेत्र स्थित गाँव दशलावन के लिए निकली। मृतक अनीस और घायल आज़ाद खान इसी गाँव के निवासी हैं। अयोध्या शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर यह गाँव सुल्तानपुर जिले की सीमा से लगता है। गाँव में काफी पुलिस फ़ोर्स तैनात दिखी। मृतक अनीस के घर के आगे पुरुष और महिला पुलिसकर्मी दोनों नियुक्त थे।

अनीस के घर के आगे लाइन से कई हरे झंडे लगे दिखे। इस दौरान हमें पता चला कि मृतक अनीस ने अपने घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित मनऊपुर गाँव की एक दलित समुदाय की हिन्दू महिला से निकाह किया है। निकाह से पहले उस दलित लड़की का नाम अंतिमा था। अब वह बानो के नाम से जानी जाती है। बानो एक बच्ची की माँ हैं, जिसका नाम आरिफा है।

मृतक अनीस का घर और तैनात पुलिस बल

वहीं, इसी मुठभेड़ में गिरफ्तार किए गए आरोपित आज़ाद खान ने भी एक हिन्दू लड़की से निकाह किया है। आज़ाद की बीवी OBC समुदाय से है, जो उसी दशलावन गाँव की है। शादी से पहले मुन्ना की बेटी सुमन अब शबाना के नाम से जानी जाती है। सुमन का आज़ाद खान से निकाह लगभग 13 साल पहले हुआ था। अब शबाना 4 बच्चों की अम्मी है। गाँव में अनीस और आज़ाद का घर लगभग अगल-बगल ही है।

गाँव की बाग़ में चहलकदमी करता अनीस का अब्बा

नाबालिग अंतिमा से निकाह करने पर आमादा था अनीश

ऑपइंडिया की टीम ने मनऊपुर गाँव में जाकर पहले अनीस की बीवी अंतिमा (अब बानो) की माँ से मुलाकात की। अंतिमा की माँ ने रोते हुए बताया कि उनकी फूल जैसी बच्ची के पीछे अनीस तब से पड़ा था, जब वो नाबालिग थी। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल आने-जाने के दौरान अनीस ने क्लास 8 में ही अंतिमा को अपने वश में कुछ खिला-पिला के कर लिया।

अंतिमा की माँ ने बताया कि पहले तो अनीस नाबालिग उम्र में ही अंतिमा से निकाह करना चाहता था, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से ये नहीं हो पाया। बाद में अनीस अंतिमा के बालिग होने का इंतज़ार किया और उसके बालिग होते ही अपने साथ ले गया। अंतिमा की माँ ने हमें आगे बताया कि उनकी 5 अन्य बेटियों और 2 बेटों के साथ पूरी बिरादरी ने इस रिश्ते का विरोध किया। मामला पुलिस में गया और पीड़ित परिजनों ने अनीस पर अंतिमा के अपहरण का आरोप लगाया था।

हालाँकि, अंतिमा ने पुलिस के आगे खुद को बालिग़ बताते हुए अनीस के साथ रहने की इच्छा जताई थी। अपनी बेटी के महज 25-26 साल की उम्र में ही विधवा हो जाने की खबर पर रोती हुई उसकी माँ ने हमें बताया कि वो चाह कर भी उसे अपने परिवार में वापस नहीं ला पाएँगी। इसकी वजह उन्होंने खुद को बिरादरी द्वारा बेदखल करने की चेतावनी और अपने खुद के बेटों द्वारा कोई संबंध न रखने का संकल्प बताया।

अंतिमा (अब बानो) की माँ

अंतिमा की माँ ने हमें आगे बताया, “हम हिन्दू, वो मुसलमान। हमारा उनका क्या मेल। अपने ही धर्म में शादी की होती तो भी रास्ता निकल आता।” उन्होंने हमें बताया कि बेटी के मुस्लिम से निकाह कर लेने के बाद उनके पति मानसिक रूप से बीमार हो गए और अब पागलों जैसी हरकतें करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “अगर हमारी बेटी ही हमारी नाक नीची न करती तो अब तक अनीस जेल काट रहा होता।”

अंतिमा की माँ का दावा है कि 5 साल पहले हुए निकाह के बाद उन्होंने या उनके परिवार ने कभी अपनी बेटी से बात भी नहीं की। उनको ये भी नहीं पता था कि अब उनकी बेटी अंतिमा का नाम बानो हो चुका है। जब हम वापस जाने लगे तब अंतिमा की माँ ने हमें कहा, “मैंने उसे पैदा किया है। बहुत दर्द है अंदर हमें। पर हम कुछ नहीं कर सकते। उस घर में वो इतनी लम्बी जिंदगी नहीं काट पाएगी। आप लोग उसको हिम्मत देना।”

हमारे लिए मर चुकी है सुमन

ऑपइंडिया की टीम अंतिमा के बाद सुमन के घर पहुँची। सुमन से आज़ाद खान ने निकाह किया है। 4 बच्चों की माँ सुमन अब शबाना बन चुकी है। सुमन और आज़ाद खान के घर के बीच की दूरी महज कुछ कदमों की है। दोनों एक ही गाँव के निवासी हैं। सुमन के पिता का नाम मुन्ना है। सुमन की माता हमें दरवाजे के आगे बैठी मिलीं। अपनी बेटी का नाम सुनते ही उनकी आँखों में पहले तो आँसू आ गए। बाद में खुद को संभालते हुए उन्होंने कहा कि अब वो उन सभी के लिए मर चुकी है।

सुमन की माँ ने हमें आगे बताया कि उनकी बेटी स्कूल जाती थी, तब से आज़ाद खान उसके पीछे लगा रहता था। स्कूल आते-जाते समय ही दोनों एक दूसरे के सम्पर्क में आए। लगभग 13 साल पहले जब सुमन 20 साल की हुई, तब दोनों ने निकाह कर लिया। सुमन की माँ का कहना है कि उन्होंने तब आज़ाद के खिलाफ केस किया और पुलिस से लेकर कोर्ट तक में केस लड़ा था। हालाँकि अंत में खुद सुमन द्वारा कोर्ट व पुलिस के आगे आज़ाद खान के साथ रहने की इच्छा जताई।

सुमन चौहान (अब शबाना) की माँ

शबाना बन चुकी सुमन की माँ ने कहा कि उस बयान के बाद उन्होंने कभी सुमन या उसके घर की तरफ मुँह करके भी नहीं देखा। अपनी ही बेटी द्वारा समाज में खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महिला सिपाही के केस या उससे पहले हुए किसी भी मामले से आज़ाद पर हुए एक्शन से उनको या उनके परिवार को कोई फर्क नहीं पड़ता।

हालाँकि, मृतक अनीस और मुठभेड़ में घायल आज़ाद आजाद ने अपनी-अपनी हिंदू बीवियों का कानूनी तौर पर धर्म परिवर्तन कराने के बाद कानूनी तौर पर ही नाम बदलवाया है या महज जुबानी है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।

गाँव में कई प्रदेशों की हिन्दू लड़कियाँ मुस्लिमों के घरों में

ऑपइंडिया ने दशलावन गाँव के कुछ अन्य लोगों से बात की। इन लोगों ने खुद को डरा बताते हुए सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान उजागर नहीं करने की अपील की। एक दलित महिला ने बताया कि उसके गाँव में कई हिन्दू महिलाएँ मुस्लिमों के घर में निकाह करके आई है। ये लड़कियाँ दिल्ली और बिहार सहित दूसरे प्रदेशों की हैं। गाँव के ही लगभग 20 साल पुराने एक केस की याद दिलाते हुए एक अन्य महिला ने हमें बताया कि तब किसी हिन्दू लड़की से निकाह में मौलवी बाबा का नाम सामने आया था।

ऑपइंडिया बता चुका है ग्रूमिंग जिहाद की गम्भीरता

बताते चलें कि ऑपइंडिया ने इससे पहले कई बार ग्रूमिंग जिहाद की गम्भीरता को सबके सामने रखा है। यह समस्या अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी वाले सिर्फ भारत जैसे विकासशील देशों की ही नहीं, बल्कि फ्रांस और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों की भी हैं। जिहाद के इस रूप में गैर-मुस्लिम लड़कियों का ब्रेनवॉश करके उन्हें मुस्लिम युवकों से सिर्फ निकाह ही नहीं, बल्कि अपना सब कुछ छोड़ कर उनकी गुलामी करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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