राष्ट्रीय मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान ने गुरुवार (नवंबर 28, 2019) को अयोध्या पहुँचकर रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने न्यास के अध्यक्ष से उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही राम मंदिर के मुख्य द्वार पर मुस्लिम कारसेवकों के नाम वाले पत्थर लगाने की माँग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आजम खान इस दौरान राम मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से भी मिले और उन्हें 50 फीट लंबी हरे रंग की चुनरी भेंट की। जिसपर बड़े-बड़े अक्षरों में गेरुए रंग से ‘जय जय श्री राम’ हिंदी और उर्दू में लिखा हैं।
इसके बाद उन्होंने परमहंस रामचंद्रदास की समाधिस्थल पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि भेंट की और रामलला के दर्शन भी किए। उन्होंने न्यास अध्यक्ष से मिलने के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया है और वर्षों से चला मंदिर निर्माण अब जाकर सफल हुआ है।
आजम खान ने इस दौरान अयोध्यावासियों को संदेश देते हुए कहा कि रामलला किसी एक नहीं, बाकी सब धर्मों के हैं। इसलिए अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला को पहली चुनरी वही चढ़ाई जाए, जिसे मुस्लिम कारसेवकों की ओर से आज पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को दिया गया है। उनके अनुसार इस प्रकार आने वाले समय में ये संदेश कायम रहेगा कि सभी धर्मों की सहमति से रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण किया गया।
बता दें, मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने न्यास अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान ये भी माँग उठाई कि मंदिर निर्माण के बाद मुख्य द्वार पर एक शिला लगाई जाए, जिसमें मुस्लिम कारसेवकों के नाम भी अंकित हों। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिए जाने वाली जमीन पर बनने वाली मस्जिद पर भी हिंदू संतों के नाम अंकित हों, जिससे अयोध्या में हमेशा सौहार्द बना रहे।