बहराइच जिले के महाराजगंज में प्रशासन अवैध निर्माणों पर जल्द कार्रवाई कर सकता है। कुल 23 मकानों पर नोटिस चिपकाए गए हैं। इनमें अब्दुल हमीद का घर भी है। उसके ही घर में रामगोपाल मिश्रा को खींचकर मार डालने का आरोप है। मिश्रा की हत्या 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन जुलूस पर इस्लामी भीड़ के हमले के दौरान हुई थी।
नोटिस चिपकाए जाने के बाद 19 अक्टूबर 2024 को कई लोग सामान समेटते नजर आए। ग्राउंड पर मौजूद ऑपइंडिया के रिपोर्टर ने पाया कि कुछ ऐसे भी लोग अपनी दुकान खाली कर रहे थे जिनको नोटिस नहीं मिला है। उस मस्जिद से सटी दुकानें भी खाली हो रही हैं, जिससे मुस्लिमों को उकसाए जाने का आरोप कुछ चश्मदीदों ने लगाया है।
जिन 23 मकानों पर नोटिस चिपकाए गए हैं उनमें 19 मुस्लिमों के और 4 हिंदुओं के बताए जा रहे हैं। 17 अक्टूबर को जारी यह नोटिस पीडब्ल्यूडी और पुलिस प्रशासन ने 18 अक्टूबर को मकानों पर लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि तीन दिन के भीतर लोग खुद से अवैध निर्माण हटा लें। ऐसा नहीं होने पर प्रशासन बुलडोजर से इन्हें ध्वस्त कर देगा। मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद के घर के बारे में बताया जा रहा है कि ये घर पहले किसी हिंदू परिवार का था, लेकिन बाद में अब्दुल परिवार ने इसे ले लिया।
अवैध निर्माणों पर कार्रवाई, बुलडोजर चलाने की तैयारी
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया है कि इन अवैध निर्माणों की जाँच पूर्व में भी हुई थी। तब भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब दोबारा नाप-जोख करके नोटिस जारी की गई है, जिसमें तीन दिनों के भीतर अवैध निर्माण हटाने का समय दिया गया है। इन निर्माणों को बिना विभागीय अनुमति के सरकारी सड़क के बीच से 60 फीट की दूरी पर बनाया गया था, जो नियमों के खिलाफ है।
नोटिस में कहा गया है, “उपरोक्त विषय के संबंध में सूचित करना है कि कुण्डासर महसी नानपारा मार्ग प्रमुख जिला मार्ग की श्रेणी का मार्ग है। विभागीय मानक के अनुसार प्रमुख जिला मार्ग पर रूरल एरिया में मार्ग के मध्य बिन्दु से 60 फुट की दूरी के अंदर बिना विभागीय अनुमति के कोई भी निर्माण कराया जाना अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है। अतः आपको नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि यदि आपने यह निर्माण जिलाधिकारी महोदय, बहराइच या पूर्व विभागीय अनुमति से किया गया है तो उसकी मूल प्रति तत्काल उपलब्ध करायें व उक्त अवैध निर्माण तीन दिवस के अंदर स्वयं हटा लें। अन्यथा की दशा में अवैध निर्माण पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से हटवाने की कार्रवाई की जाएगी. कार्रवाई में किये गये व्यय को राजस्व के माध्यम से आपसे ही वसूला जाएगा।”
प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई के लिए पूरी तैयारी कर ली है। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी और पुलिसकर्मी मिलकर इस अभियान को अंजाम देंगे। लोगों से तीन दिनों के भीतर अपनी संपत्तियों के वैध दस्तावेज पेश करने को कहा गया है, ताकि अवैध निर्माण होने पर कार्रवाई की जा सके। महसी के एसडीएम अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले भी अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दी जा चुकी थी, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बार यदि निर्देशों का पालन नहीं हुआ, तो तीन दिनों के बाद अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कौन है अब्दुल हमीद?
अब्दुल हमीद बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपित के रूप में नामजद है। उस पर और उसके परिवार पर 13 अक्टूबर को माँ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। अब्दुल हमीद के अलावा इस मामले में 6 अन्य नामजद और 4 अज्ञात लोगों पर भी मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने हमीद सहित सभी नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बताया जा रहा है कि जिस घर में अब्दुल हमीद अपने परिवार के साथ रहता है, पहले वो घर किसी हिंदू परिवार का ही था, लेकिन अब्दुल हमीद के परिवार ने उसे खरीद लिया था और हिंदू परिवार किसी अन्य जगह रहने लगा था। ऑपइंडिया से बातचीत में उस परिवार ने भी इसकी पुष्टि की है।
इस बीच, प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि हिंसा में शामिल आरोपियों की संपत्तियों की जाँच की जाएगी। रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में शामिल सभी आरोपितों की प्रॉपर्टी पर भी नज़र रखी जा रही है। पुलिस के अनुसार अब तक इस मामले में 87 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
महाराजगंज में अब शांति, लेकिन तनाव बरकरार
बता दें कि 13 अक्टूबर 2024 को बहराइच के महाराजगंज कस्बे में माँ दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे पर गाना बजाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। यह विवाद बढ़ते-बढ़ते सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गया, जिसमें 22 वर्षीय युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। हिंसक भीड़ ने कई घर, दुकानें, बाइक और कारें जला दीं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
13 अक्टूबर 2024 को हुई हिंसा के बाद अब महाराजगंज बाजार में शांति है, लेकिन तनाव अब भी महसूस किया जा सकता है। बाजार में पुलिस की तैनाती जारी है, लेकिन व्यापारिक गतिविधियाँ बंद हैं। हिंसा के बाद से लोग अपने घरों में हैं और बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है।