उत्तराखंड के बद्रीनाथ में बकरीद (ईद-उल-अज़हा) नहीं मनाई जाएगी। इस बार मुस्लिमों का ये त्योहार गुरुवार (29 जून, 2023) को पड़ रहा है। बता दें कि छोटा चारधाम यात्रा का एक पड़ाव बद्रीनाथ भी होता है। यात्रा के समय प्रतिवर्ष यहाँ लाखों श्रद्धालु आते हैं। वहाँ और आसपास रहने वाले मुस्लिमों को पुलिस-प्रशासन द्वारा बोल दिया गया है कि वो 45 किलोमीटर दूर स्थित जोशीमठ में जाकर वहाँ बकरीद का त्योहार मना सकते हैं। मुस्लिम समाज ने इसे मान भी लिया है।
पुजारियों, होटल संघों, बद्रीनाथ मास्टर प्लान के निर्माण में शामिल कंपनियों और स्थानीय मुस्लिमों के साथ मंगलवार को हुई पुलिस-प्रशासन की बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया। बद्रीनाथ पुलिस थाने में ये बैठक हुई। बद्रीनाथ में अधिकतर वही मुस्लिम हैं जो बहार से वहाँ मजदूरी करने आए हैं। इनमें बढ़ई और प्लम्बरों के अलावा वो लोग शामिल हैं जिन्हें विकास परियोजनाओं में काम करने के लिए वहाँ लाया गया है। इन सभी को बुधवार से भी छुट्टियाँ दे दी गई हैं, ताकि ये समय पर जोशीमठ पहुँच सकें।
पुरोला और बरकोट में जिस तरह से ‘लव जिहाद’ के खिलाफ तनाव पैदा हुआ है और हिन्दू सड़क पर उतरे हैं, उस परिस्थिति में ये निर्णय लिया गया है। ‘बद्रीनाथ होटल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष राजेश मेहता के अलावा परियोजनाओं के ठेकेदारों को भी पुलिस ने बैठक में बुलाया था। होटल व्यवसायी विश्वेश्वर प्रसाद नैथानी ने बताया कि किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए और किसी की भावनाएँ आहत न हों इसीलिए ये निर्णय लिया गया। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने लिखित में दे दिया है कि उन्हें इस निर्णय से कोई आपत्ति नहीं है।
‘बद्रीनाथ केदारनाथ टेम्पल कमिटी (BKTC)’ के अध्यक्ष अजयेन्द्र अजय ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग जोशीमठ जाकर बकरीद मनाने के लिए तैयार हो गए हैं। वहीं थानाध्यक्ष लक्ष्मी प्रदेश बिजलीवन ने कहा कि पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। इस बार भी किसी ने आपत्ति नहीं जताई। 2021 में 20 मुस्लिमों द्वारा बद्रीनाथ मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने की घटना के बाद तनाव पैदा हो गया था। हालाँकि, पुलिस ने नकारते हुए कहा था कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
No one has any objection to offering of namaz on the occasion of #Bakrid outside the temple town in reverence to it, he said https://t.co/710rNGTkKq
— Hindustan Times (@htTweets) June 28, 2023
पुजारियों ने इस संबंध में कुछ दिन पहले ही चेतावनी दी थी। बद्रीनाथ के पंडा समाज और पुरोहितों ने चेताया था कि अगर मंदिर क्षेत्र या फिर हनुमान चट्टी पर बकरीद मनाई गई तो वो लोग आंदोलन करेंगे। वैसे भी पुरोला में हिन्दू समाज की लड़की के अपहरण की घटना के बाद से कई मुस्लिम व्यापारी उत्तराखंड से फरार हो गए हैं। उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को छोटा चारधाम के नाम से जाना जाता है। अलकनंदा नदी के किनारे सहित भगवान विष्णु का धाम बद्रीनाथ 10,276 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है और चारधाम यात्रा का अंतिम पड़ाव है।