कई बम धमाकों के आरोपित और संदिग्ध आतंकी अब्दुल नसीर मदनी (Abdul Nasir Madani) का मंगलवार (27 जून 2023) को केरल में मुस्लिम समुदाय द्वारा जबरदस्त स्वागत किया गया। इतना ही नहीं, एक हीरो की तरह उसके वहाँ पहुँचने का मीडिया द्वारा लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा है। मदनी केरल के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का अध्यक्ष है और बंगलुरु और कोयंबटूर सीरियल ब्लास्ट का आरोपित है।
अब्दुल नसीर मदनी साल 1998 में हुए कोयंबटूर बम ब्लास्ट केस और साल 2008 के बंगलुरु में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपित है। इन बम धमाकों में 58 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। आज भी उन बम धमाकों को याद करके लोग सिहर उठते हैं।
Watch how an under trail terrórist Abdul Nazir Madani who is accused in 2008 Bangalore serial blast and 1998 Coimbatore bomb blast case in which 58 innocent people were kílled is welcomed in Kerala !!
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) June 27, 2023
Almost all main stream media in Kerala is shamelessly live streaming this where… pic.twitter.com/S4lxt4aEOw
पूर्व पुलिसकर्मी भास्कर राव ने रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए कहा कि एक आरोपित आतंकवादी का जो स्वागत हुआ वह ‘शर्मनाक’ था।
#ThisIsExclusive | Out on bail, 2008 Bengaluru blast accused Abdul Nasser Madani receives grand reception at Kochi Airport. Blast prime accused a hero?
— Republic (@republic) June 27, 2023
Bhaskar Rao, Former Top Cop speaks to Republic's Niranjan Narayanswamy, calls it 'shameful.' pic.twitter.com/6Aiz6BXS0P
दरअसल, पीडीपी नेता और संदिग्ध आतंकी को बेंगलुरु पुलिस ने कोच्चि लाया था। इससे पहले 18 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल नासिर मदनी की जमानत शर्तों को संशोधित करते हुए उसे 8 जुलाई 2023 तक केरल में रहने की अनुमति दी थी।
जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला त्रिवेदी की बेंच ने कहा था कि यह मदनी की स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए अंतरिम उपाय के रूप में मदनी 8 जुलाई 2023 तक की अवधि के लिए कर्नाटक पुलिस की एस्कॉर्ट के साथ केरल जा सकता है और उसी तरीके से वापस लौट सकता है।
दरअसल, मदनी ने अपनी जमानत आवश्यकताओं में छूट के लिए शीर्ष अदालत में आवेदन किया था, ताकि वह अपने मूल राज्य केरल जा सके। इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई 2023 को होगी। वहीं, कर्नाटक पुलिस द्वारा प्रदान किए जाने वाले एस्कॉर्ट का भुगतान खुद मदनी को करना होगा।
मदनी बेंगलुरु से सोमवार (26 जून 2023) की शाम 6 बजे की फ्लाइट पकड़ी और शाम 7 बजे के आसपास कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचा। बेंगलुरु हवाई अड्डे से मीडिया से बात करते हुए मदनी ने कहा कि उसकी सुरक्षा के लिए कर्नाटक पुलिस को कितनी राशि देनी है, इसका अभी तक उसे पता नहीं है।
मदनी ने दावा किया कि वह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। उसने कहा, “मेरी किडनी कमजोर है और मुझे जल्द ही डायलिसिस कराना पड़ सकता है। मस्तिष्क में रक्त संचार ठीक से न होने के कारण कभी-कभी मुझे स्ट्रोक का भी सामना करना पड़ता है। जब अदालत ने मुझे अप्रैल में एक महीने के लिए केरल जाने की इजाजत दी तो मुझे उम्मीद थी कि मैं मेडिकल जाँच और उचित इलाज करा सकूंगा, लेकिन अब यह संभव नहीं है।”
बताते चलें कि साल 2009 में बांग्लादेश सीमा से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में दोनों न बेंगलुरु विस्फोट सहित कई बम धमाकों की जानकारी दी थी। इसके बाद कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में धमाकों से मदनी के तार भी जुड़े होने का पता चलने पर कर्नाटक पुलिस ने उसे अगस्त 2010 में गिरफ्तार कर लिया था।
दरअसल, 25 जुलाई 2008 को कर्नाटक के बेंगलुरु में कुल 9 विस्फोट हुए थे, जिनमें 20 लोग घायल हो गए थे और 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी। बम विस्फोटों की शुरुआत होसूर रोड से मैसूरु रोड पर नयंदहल्ली तक हुई थी। इससे राजधानी के लोगों में दहशत फैल गई थी। कम तीव्रता वाले इन धमाकों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अंजाम दिए गए थे।
इन धमाकों में मदनी के रोल की बात करते हुए बेंगलुरु शहर के तत्कालीन कमिश्नर शंकर बिदारी ने कहा, “मदनी ने SIMI समूह को इन विस्फोटों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन उसका आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से कोई संबंध नहीं था और उसे केरल से पकड़ा गया था। मदनी ने दूसरों को विस्फोट करने के लिए उकसाया था। उसी ने यह सब योजना बनाई थी और साजिश रची थी।”
पूर्व पुलिस आयुक्त के अनुसार, इन धमाकों का उद्देश्य उस साल कर्नाटक में बनी भाजपा सरकार को अस्थिर करने के लिए किया गया था। इसके अलावा, फरवरी 1998 के कोयंबटूर बम विस्फोट मामले में मदनी को एक आरोपी व्यक्ति के रूप में शामिल किया गया था। उसे मार्च 1998 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2007 में बरी कर दिया गया था।
मदनी ने 1989 में पीडीपी के अलावा इस्लामिक सेवा संघ की स्थापना की थी। इस्लामी सेवा संघ को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साल 1992 में बैन कर दिया गया था। मदनी पर बाबरी विध्वंस के बाद समाज में नफरत फैलाने और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया गया था।