पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर इलाके से अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया है। इस मामले में एक 15 वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया और उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया। आरोपित की पहचान असीबुर रहमान के रूप में हुई है और कहा जाता है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस के एक प्रमुख व्यक्ति के साथ उसके करीबी संबंध हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, युवा हिंदू लड़की मालीग्राम गाँव में रहती थी, जो पश्चिम मेदिनीपुर क्षेत्र के पिंगला पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में है। वह 18 जून को सिक्किम के नामची में लापता हो गई थी।
ऑर्गनाइज़र द्वारा प्रकाशित एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब लड़की के परिवार के सदस्यों ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पिंगला पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस दुर्भाग्य से इस मामले में कार्रवाई करने में विफल रही क्योंकि आरोपित के टीएमसी के कुछ लोगों से संबंध होने की बात कही जा रही है।
इसके बाद लड़की के पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। परेशान पिता ने अपनी बेटी को वापस पाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद हाई कोर्ट ने पुलिस को लड़की के परिवार को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया।
इस मामले में लड़की के पिता ने अपनी शिकायत में कहा, “अपहरणकर्ता, असीबुर रहमान, सत्तारूढ़ टीएमसी पार्टी के एक उच्च पदस्थ नेता का करीबी है। असीबुर ने मेरी बेटी को ले जाने की धमकी दी थी। उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास में, मैंने उसे सिक्किम भेज दिया, जहाँ उसके चाचा कार्यरत हैं। लेकिन, वहीं से आसीबुर रहमान ने मेरी बेटी का अपहरण कर लिया। शिकायत दर्ज करने के बावजूद, पिंगला पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। मुझे डर है कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया होगा। मैं बस अपनी बेटी वापस चाहता हूँ।”
याचिका पर सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती और पार्थसारथी चट्टोपाध्याय ने मामले को संभालने के पुलिस के तरीके पर नाराजगी व्यक्त की। डिवीजन बेंच ने पुलिस को एक सप्ताह के भीतर कम उम्र की लड़की को ढूँढ़कर वापस लाने और उसे बाल कल्याण समिति को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
लड़की के वकील तन्मय बसु का आरोप है कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अपहरणकर्ता असीबुर रहमान को बचा रही है, क्योंकि उसका एक शक्तिशाली टीएमसी नेता के साथ घनिष्ठ संबंध है। वहीं अब इस मामले में अगली सुनवाई इसी साल 6 अक्टूबर को तय की गई है।