पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण स्थिति लगातार अराजक हो रही है। नॉर्थ 24 परगना के लक्ष्मीपुर में लोगों ने मंदिर बनाने के लिए ज़मीन दान ली, लेकिन सरकार ने उस पर मदरसा का दफ्तर बनवाना चालू कर दिया। गोबरडांगा पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में इस फ़ैसले के बाद से ही हिंसा चालू हो गई। स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। सोमवार (जनवरी 20, 2020) को आक्रोशित लोगों ने पुलिस के समक्ष अपने विरोध दर्ज कराया। सरकार मंदिर के लिए दी गई ज़मीन पर मदरसा विभाग का दफ़्तर खोलना चाहती है।
स्थानीय लोगों ने कहा है कि सरकार ने मंदिर के नाम पर ज़मीन लेकर उनके साथ धोखा किया है और यही उनकी नाराज़गी की वजह भी है। इसके बाद उलटा पुलिस ने ग्रामीणों को ही निशाने पर ले लिया। आक्रोशित ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया, फायरिंग की गई और आँसू गैस के गोले छोड़े गए। गाँव में पुलिस को तैनात कर दिया गया है। साथ ही रैपिड एक्शन फ़ोर्स को भी मौके पर लगाया गया है।
दरअसल, मामला यूँ है कि एक स्थानीय महिला निर्मला दास ने अपनी तीन बीघा ज़मीन मंदिर के लिए दान दे दी थी। उन्होंने ज़मीन 22 वर्ष पहले दान दी थी। उस समय राज्य में सीपीएम की सरकार थी। दिवंगत विधवा ने मंदिर के साथ-साथ स्कूल और हॉस्पिटल बनाने के लिए भी ज़मीन दान की थी। हाल ही में कुछ दिनों पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस की स्थानीय यूनिट ने एक तरह से उस ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया और एक भवन बनवाने लगे। स्थानीय लोगों से झूठ बोला गया कि वहाँ कम्युनिटी भवन बन रहा है।
स्थानीय लोगों के गुस्से का तब कोई ठिकाना न रहा, जब उन्होंने देखा कि निर्माणाधीन बिल्डिंग पर मदरसा विभाग का बोर्ड टँगा हुआ है। बताया गया कि उस बिल्डिंग का नाम ‘करमतीर्थ’ रखा जाएगा और वहाँ अल्पसंख्यक विभाग और मदरसा डिपार्टमेंट का दफ्तर होगा। आक्रोशित लोगों ने उस बोर्ड को देखते ही निर्माण कार्य रोकना शुरू कर दिया। ‘सिंह वाहिनी’ के अध्यक्ष देवदत्त माजी ने कहा कि ममता बनर्जी की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीतियों ने सभी हदों को पार कर दिया है। स्थानीय भाजपा नेता सत्यजीत मलिक ने भी तृणमूल की आलोचना करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
बंगाल के गोबरदंगा पंचायत को एक बुजुर्ग विधवा महिला ने अपनी जमीन इसलिए दान दी कि उस पर मंदिर,स्कूल और अस्पताल बनाये ।
— संजय कुमावत (@sanjayudaywal) January 21, 2020
मगर अब बंगाल सरकार ने उस जमीन पर मदरसा बनाना चालू कर दिया ।
अब वहां के हिंदू पछता रहे और विरोध कर रहे है मगर जब सरकारी संरक्षण हो तो जेहादीयों को कौन रोकेगा ? pic.twitter.com/AwHN8Cx2LX
कहा जा रहा है कि राज्य में असदुद्दीन ओवैसी की आहट से सहमी ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण में कोई कमी नहीं रखना चाहती हैं। राज्य में कॉन्ग्रेस ने भी एक मुस्लिम को विधायक दल का नेता बनाया, इससे वो पहले ही घबराई हुई हैं।